DEHRI ON SONE : खबर रोहतास जिला से है। जहां नौहट्टा के बौलिया में पिछले चार दशक पूर्व बंद हो चुके सीमेंट फैक्ट्री सोन वैली सीमेंट उद्योग के प्रॉपर्टी की हाई कोर्ट के द्वारा नीलामी कर दी गई। लेकिन अब बंद पड़े सीमेंट फैक्ट्री के मजदूर यूनियन तथा नीलामी के बाद संपत्ति का अधिग्रहण करने वाली कंपनी के बीच विवाद हो गया है।
बताया जाता है कि सन 1984 के आसपास सोन वैली सीमेंट लिमिटेड नामक सीमेंट फैक्ट्री बंद हो गई थी। इसके बाद लंबी प्रक्रिया के उपरांत फैक्ट्री की जमीन को उच्च न्यायालय के देखरेख में 22 करोड़ में नीलम कर दिया गया। अब जब संबंधित कंपनी सुखद जीवन प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा संपत्ति का अधिग्रहण किया जा रहा है, तो फैक्ट्री से जुड़े पुराने मजदूर संगठन सामने आ गए हैं।
मजदूर संगठन का कहना है कि लगभग 13 करोड रुपए मजदूरों का बकाया है। कुल 1600 मजदूर में ज्यादातर मजदूर का निधन हो चुका है। ऐसे में संबंधित कंपनी से मजदूरों का बकाया वेतन की मांग को लेकर अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस मजदूर संघ के द्वारा कोर्ट में गुहार लगाई गई है।
बड़ी बात है कि अधिग्रहण करने वाली कंपनी सुखद जीवन प्राइवेट लिमिटेड के प्रोपराइटर राजबली सिंह का कहना है कि हाई कोर्ट में उन्होंने पूरे पैसे जमा कर प्रॉपर्टी का अधिग्रहण किया है। वहीं दूसरी ओर मजदूर संगठन का कहना है कि जब तक उन लोगों का बकाया भुगतान नहीं होगा, तब तक वे लोग संबंधित स्थल को खाली नहीं करेंगे। तनाव इतना बढ़ गया कि दोनों पक्ष एक दूसरे पर नौहट्टा थाना में मुकदमा दर्ज करा दिया है।
आमने सामने की लड़ाई
मजदूर संगठन के अध्यक्ष रामगति राम ने एससी एसटी एक्ट के तहत कंपनी प्रबंधन पर 23 सितंबर को मारपीट एवं गाली गलौज तथा मजदूर यूनियन के दफ्तर पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। जबकि बंद पड़े सीमेंट फैक्ट्री को अधिग्रहण करने वाले कंपनी सुखद जीवन प्राइवेट लिमिटेड के प्रोपराइटर राज्य बाली सिंह का कहना है कि हाईकोर्ट ने पूरी संपत्ति का अधिग्रहण उन्हें दिया है। ऐसे में मजदूर यूनियन का कार्यालय उनके परिसर में वैध नहीं है तथा अनुसूचित जाति अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज कराए गए मुकदमा से उनका कोई मतलब लेना नहीं है। कोर्ट के निर्देश के बाद वह संबंधित स्थल को खाली कर रहे हैं, ऐसे में उन पर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया।
बता दें कि चार दशक पूर्व बंद हो चुके सोन वैली सीमेंट फैक्ट्री के अधिग्रहण को लेकर मजदूर संगठन और अधिग्रहण करने वाली कंपनी आमने-सामने आ गई है।
REPORT - RANJAN KUMAR