31 मार्च तक ये टैक्स कार्य निपटाएं, वरना हो सकती है बड़ी समस्या!

नई दिल्ली: वित्तीय वर्ष 2024-25 का आखिरी दिन यानी 31 मार्च 2025 सिर पर आ चुका है, और टैक्सपेयर्स के पास अब केवल सात दिन ही बचे हैं अपनी जरूरी टैक्स गतिविधियों को पूरा करने के लिए। यदि आपने अभी तक कुछ जरूरी कदम नहीं उठाए, तो आपके सामने जुर्माने, कटौती में नुकसान, और आयकर विभाग से unwanted ध्यान आ सकता है। समय रहते सही कदम उठाना न केवल आपको कर नियमों के अनुरूप बनाए रखेगा, बल्कि आपके पैसे की बचत भी करेगा।
इन कदमों को न भूलें:
1. टैक्स-सेविंग निवेश को पूरा करें
अगर आप पुराने टैक्स नियमों के तहत कटौती का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको 31 मार्च तक इन निवेशों को पूरा करना होगा:
- धारा 80C: PPF, ELSS जैसी योजनाओं में निवेश।
- धारा 80D: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान।
- धारा 80G: योग्य चैरिटेबल संगठनों को दान।
ध्यान दें, ये कटौती केवल पुराने कर व्यवस्था के तहत लागू होती हैं, नए कर व्यवस्था में ये लाभ नहीं मिलते।
2. 2022-23 के Assessment Year (AY) के लिए अपडेटेड रिटर्न फाइल करें
अगर आपने 2022-23 के Assessment Year के लिए अपना रिटर्न सही तरीके से नहीं भरा था, तो आपके पास अभी भी इसे सुधारने का मौका है। 31 मार्च 2025 तक आप अपना अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं, जिससे भविष्य में जांच और जुर्माना से बचा जा सकता है।
3. फरवरी के TDS के लिए Challan-cum-Statements सबमिट करें
अगर आपने फरवरी महीने में निम्नलिखित सेक्शनों के तहत TDS काटा था, तो आपको 30 मार्च तक challan-cum-statement सबमिट करना होगा:
- धारा 194M: पेशेवरों या ठेकेदारों को भुगतान।
- धारा 194-IA: संपत्ति बिक्री पर TDS।
- धारा 194-IB: किराए पर TDS।
देरी से जमा करने पर जुर्माना और ब्याज लग सकता है।
4. विदेशी आय का खुलासा करें
अगर आप विदेशी कर क्रेडिट का दावा कर रहे हैं, तो आपको 31 मार्च तक अपनी विदेशी आय और उस पर चुकाए गए टैक्स का विवरण देना होगा। यह खासकर उन व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है जिनकी आय विदेशों से आती है। यह विवरण धारा 139(1) या 139(4) के तहत रिटर्न फाइल करते समय देना जरूरी है।
31 मार्च की डेडलाइन कड़ी है और इसे न पूरा करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। चाहे पुराने रिटर्न को अपडेट करना हो, आखिरी मिनट में निवेश करना हो या विदेशी आय का खुलासा करना हो, इन सभी कदमों को समय रहते उठाने से आपको मानसिक शांति मिलती है और रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया भी सुगम होती है। टैक्स संबंधित कार्यों में देरी करने से जुर्माना और जांच का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि आप जल्द से जल्द इन कार्यों को निपटाएं और कर नियमों का पालन करें।
समझदारी से कदम उठाएं और अपनी कर व्यवस्था को सुरक्षित रखें।