Indian Bank System: एक दशक बाद भारत में नए बैंक की होगी एंट्री! RBI और वित्त मंत्रालय के बड़े फैसले की तैयारी

Indian Bank System: करीब एक दशक बाद भारत में नए बैंकिंग लाइसेंस जारी करने की तैयारी हो रही है। जानिए क्या है RBI और वित्त मंत्रालय की रणनीति और इसका बाजार पर असर।

 Indian Bank System
नए बैंक की शुरुआत- फोटो : social media

Indian Bank System: ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बीच चर्चा चल रही है कि कैसे बैंकिंग सेक्टर को विस्तार दिया जाए ताकि दीर्घकालिक विकास योजनाओं को समर्थन मिल सके।2014 के बाद से भारत में किसी भी नए बैंक को लाइसेंस नहीं दिया गया है। अब इस पर दोबारा विचार हो रहा है।

RBI और वित्त मंत्रालय के बीच इस पर सहमति बन रही है कि नए बैंक लाइसेंस के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए और बड़ी कंपनियों को कुछ शर्तों के साथ बैंक खोलने की इजाजत दी जाए।

नए बैंकिंग लाइसेंस जारी करने के पीछे के कारण और संभावित रणनीतियां

देश में बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करने के पीछे मुख्य कारण हैं इसमें तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता को देखा जा रहा है।ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार। डिजिटल बैंकिंग और फिनटेक कंपनियों के बढ़ते प्रभाव के साथ संतुलन बनाना। नीति निर्माताओं के सामने यह मुख्य बिंदु हैं:

औद्योगिक घरानों को सीमित शेयर होल्डिंग के साथ बैंकिंग लाइसेंस देना।

NBFCs (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) को पूर्ण बैंकिंग सेवाओं में बदलने के लिए प्रोत्साहित करना।

विदेशी निवेशकों के लिए नियमों में लचीलापन लाना।

बैंकिंग सेक्टर में हलचल

इस खबर के आने के बाद भारतीय शेयर बाजार में भी प्रतिक्रिया देखने को मिली।विशेष रूप से Nifty PSU बैंक इंडेक्स में शुरुआत में गिरावट आई लेकिन दोपहर बाद रिकवरी देखी गई। इस साल PSU बैंक इंडेक्स में लगभग 8% की वृद्धि हो चुकी है, जो इस सेक्टर में निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दिखाता है।मार्केट एनालिस्ट के अनुसार अगर बड़े औद्योगिक घरानों को बैंकिंग में प्रवेश की इजाजत मिलती है, तो यह निजी बैंकिंग स्पेस में प्रतिस्पर्धा बढ़ा देगा।

भारत में बैंकिंग लाइसेंसिंग नीति का इतिहास

भारत में बैंकिंग लाइसेंसिंग के इतिहास पर नजर डालें तो 1990 के दशक में निजी बैंकों को लाइसेंस देना शुरू हुआ था।2014 में आखिरी बार IDFC First Bank और Bandhan Bank को लाइसेंस मिले।2016 में कई बड़े घरानों ने आवेदन किया था लेकिन उस पर रोक लगी रही।अब फिर से उसी मुद्दे पर गंभीरता से विचार हो रहा है।