भारतीय शेयर बाजार में हाल के महीनों में मन्दी का दौर चल रहा है। 27 सितंबर, 2024 के बाद से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 17% और 18% से अधिक की गिरावट आई है, जिससे कई निवेशकों को उनके इक्विटी निवेशों में नुकसान हुआ है। इसके अलावा, बाजार में गिरावट का असर पेंशन फंड्स पर भी पड़ा है, खासतौर पर नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) पर।
NPS की विकास दर में सुस्ती, लेकिन DSP NPS योजना का प्रदर्शन शानदार
पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, NPS के तहत प्रबंधित संपत्तियों (AUM) की विकास दर में गिरावट आई है, जो साल दर साल 20.3% पर रुक गई है। मार्च 1, 2025 तक AUM ₹13.83 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है, जो पिछले साल के मुकाबले कम है। इस कमी का मुख्य कारण फरवरी के अंत में इक्विटी बेंचमार्क्स की गिरावट है, जिसने बाजार से जुड़े रिटर्न्स को प्रभावित किया। हालांकि, NPS के कुल AUM में लगभग ₹3 लाख करोड़ का निवेश इक्विटी योजनाओं में किया गया है।
अगर हम फरवरी 15, 2025 की स्थिति देखें तो NPS का कुल AUM ₹13.90 लाख करोड़ तक पहुंच गया था, जिसमें साल दर साल 22.2% की वृद्धि दर्ज की गई थी। लेकिन, बाजार में हुई हलचल के कारण इस दौरान संपत्ति के मूल्य में थोड़ी गिरावट आई है।
हालांकि, इस गिरावट के बीच एक योजना ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। DSP NPS टियर I इक्विटी योजना ने पिछले एक साल में 15.06% का रिटर्न दिया है, जो अन्य NPS इक्विटी योजनाओं के मुकाबले कहीं अधिक है। अन्य योजनाओं का प्रदर्शन बहुत साधारण रहा है, जिसमें कुछ योजनाओं ने तो नकारात्मक रिटर्न भी दिया है।
DSP NPS टियर I इक्विटी योजना का शानदार प्रदर्शन
DSP NPS टियर I इक्विटी योजना ने पिछले वर्ष 15.06% का रिटर्न दिया है, जबकि अन्य प्रमुख NPS इक्विटी योजनाओं का प्रदर्शन बहुत कम रहा है। उदाहरण के तौर पर, SBI NPS इक्विटी योजना में -2.12% का रिटर्न रहा, जबकि Max Life ने केवल 0.80% का रिटर्न दिया। UTI पेंशन फंड की इक्विटी योजना में 4.63% और Kotak पेंशन फंड की इक्विटी योजना ने 4.64% का रिटर्न दिया।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि DSP NPS टियर I इक्विटी योजना ने अन्य योजनाओं को पीछे छोड़ते हुए निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है। यह प्रदर्शन खासकर उन निवेशकों के लिए प्रेरणा स्रोत है जो लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं।
NPS में निवेश के तरीके
NPS में निवेश के लिए दो प्रमुख विकल्प होते हैं: एक्टिव चॉइस और ऑटो चॉइस।
एक्टिव चॉइस: इस विकल्प के तहत निवेशक अपनी योजना के हिसाब से अपनी रकम को इक्विटी (E), कॉर्पोरेट बॉंड्स (C), सरकारी सिक्योरिटीज (G) और वैकल्पिक निवेश (A) में विभाजित कर सकते हैं। इक्विटी निवेश की सीमा 75% तक होती है, जबकि अन्य निवेशों में 100% तक की सीमा होती है। यह विकल्प उन निवेशकों के लिए आदर्श है जो अपनी निवेश योजना पर अधिक नियंत्रण चाहते हैं।
ऑटो चॉइस: इस विकल्प में निवेशकर्ता का निवेश उम्र के हिसाब से व्यवस्थित होता है। जैसे-जैसे रिटायरमेंट पास आता है, निवेश सुरक्षित संपत्तियों में बदल जाता है। यह उन निवेशकों के लिए अच्छा है जो बिना किसी झंझट के निवेश करना चाहते हैं और जोखिम से बचना चाहते हैं।
निजी क्षेत्र में NPS का बढ़ता प्रभाव
NPS के निजी क्षेत्र में निवेश का चलन लगातार बढ़ रहा है। 1 मार्च 2025 तक, निजी क्षेत्र के NPS का AUM ₹2.75 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है, जो साल दर साल 24.56% बढ़ा है। हालांकि, फरवरी 15, 2025 तक यह AUM ₹2.78 लाख करोड़ था, और वृद्धि दर में थोड़ी कमी आई है।
पिछले कुछ वर्षों में निजी क्षेत्र के NPS ने बेहतरीन वृद्धि दिखाई है, खासकर मार्च 2020 से मार्च 2024 के बीच, जहां 25% की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके विपरीत, सरकारी क्षेत्र ने केवल 8% की वृद्धि दिखाई है। इस बढ़ती हुई जागरूकता और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और स्व-रोजगार वाले व्यक्तियों के बीच बढ़ते हुए स्वैच्छिक भागीदारी ने NPS के विकास को मजबूती दी है।