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Bihar News: पटना हाईकोर्ट ने इस 'संस्थान' के स्टाफ के रिटायरमेंट लाभ एवं पेंशन भुगतान का दिया आदेश....कर्मियों में खुशी की लहर

Bihar News: पटना हाईकोर्ट ने इस 'संस्थान' के स्टाफ के रिटायरमेंट लाभ एवं पेंशन भुगतान का दिया आदेश....कर्मियों में खुशी की लहर

PATNA: पटना उच्च न्यायालय ने ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एव सामाजिक परिवर्तन संस्थान के कर्मियों को सेवानिवृति लाभ एवं पेंशन भुगतान का आदेश दिया है. न्यायालय के इस आदेश से संस्थान के कर्मियों में खुशी का माहौल है.संस्थान के प्रोफेसर एवं याचिकाकर्ता एस डी सिंह ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि पटना उच्च न्यायालय के न्यायादेश का सम्मान करते हुए संस्थान के शैक्षणिक और गैर- शैक्षणिक कर्मियों के सेवांत लाभ के साथ साथ पेंशन भुगतान कराने की कार्रवाई  करें.

बिहार प्राइवेट शिक्षा संस्था अधिग्रहण अध्यादेश 1986 से अधिनियम 1987 के तहत ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान, पटना का 19.04.1986 को शिक्षा विभाग ने अधिग्रहण किया था. इस अधिनियम की धारा-11 के अन्तर्गत संस्थान का प्रबन्धन, संचालन एव कर्मियों की सेवा -शर्त सम्बन्धि नियमावली बनाने की शक्ति शिक्षा विभाग को दी गई थी. शिक्षा विभाग ने 13 नवम्बर 1990 को संस्थान के प्रबंधन, संचालन के लिए ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान नियमावली, 1990 आधिसूचित की गई. लेकिन शिक्षा विभाग, बिहार  (प्रशासी विभाग) द्वारा 2017 तक संस्थान के शैक्षणिक एव गैर- शैक्षणिक कर्मियों के लिए  कोई प्रभावकारी सेवा-शर्त नियमावली नही बनाई गई. लिहाजा संस्थान कर्मी वर्ष 1986 से 2017 तक विभाग द्वारा नियुक्त होते रहे और बिना सेवांत लाभ के सेवानिवृत होते रहे. संस्थान के कर्मियों द्वारा सरकार से लगातार गुहार लगाते रहे. 

बिहार की अधिसूचना संख्या 7781 द्वारा 'संस्थान कर्मियो की सेवा-शर्त से संबंधित ललित नारायण मिश्र, आर्थिक विकास', सेवा सामाजिक परिवर्तन संस्थान सेवा शर्त नियमावली, 2017 गजट अधिसूचित हुई. जिसके नियम 9 में संस्थान कर्मियों के सेवा-निवृति लाभ का प्रावधान रखा गया. लेकिन विभागीय पदाधिकारियों के मनमाने  ढंग से विभागीय अधिसूचना संख्या 1114 दिनांक 07.09.2017 जारी कर पूर्व के नियमावली को सुसुप्ता अवस्था (Abeyance) में डाल दिया । साथ ही अधिसूचना संख्या 1466 दिनांक 19.12.2017 से संस्थान कर्मियों के सेवा- शर्त नियमावली 2017 में  संशोधन कर नियम 9 को ही समाप्त कर दिया गया। जिसके कारण संस्थान कर्मी बिना सेवा-निवृति लाभ के ही सेवा-निवृत होते रहे। 

शिक्षा विभागीय के अधिकारियों की मनमानी और गैरकानूनी रवैया से तंग आकर संस्थान कर्मियों ने पटना उच्च न्यायालय में अलग-अलग पाँच (यथा सी.डब्लू. जे० सी० नम्बर - 644/2023 10463/18, 172/63/18, 20846/18 6/9 22613/18) दायर की. माननीय पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सभी पांच याचिकाओं का एक साथ सुनवाई करते हुए दिनांक 24 अगस्त 2024 को अपने 37 (सैतीस) पृष्ठों का ऐतिहासिक न्यायादेश पारित किया. जिसमें संस्थान कर्मियों की सेवा- शर्त नियमावली 2017 को बहाल करते हुए नियमावली के नियम 9 तहत सभी कर्मियों को सेवांत लाभ और पेंशन भुगतान का आदेश दिया है. 

न्यायालय के इस आदेश के बाद संस्थान कर्मियों और उनके परिवार जनों में काफी खुशी का माहौल है। संस्थान के प्रोफेसर एवं याचिकाकर्ता एस डी सिंह ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि पटना उच्च न्यायालय के न्यायदेश का सम्मान करते हुए संस्थान के शैक्षणिक और गैर- शैक्षणिक कर्मियों को सेवांत लाभ के साथ साथ पेंशन भुगतान कराने की कार्रवाई की जाए।


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