Sarkari Naukari 2025:स्वास्थ्य विभाग ने खोला नौकरी का पिटारा , 60 दिन में होगी 6000 पदों पर भर्ती, चूको मत चौहान
Sarkari Naukari 2025:अगले दो से ढाई महीने में बीपीएससी के माध्यम से 4200 विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही, आयुष चिकित्सकों की बहाली प्रक्रिया भी गति पकड़ चुकी है।

Sarkari Naukari 2025: बिहार की धरती पर स्वास्थ्य सेवाओं का एक नया सूर्योदय हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते दस दिनों में रिकॉर्ड 1431 चिकित्सकों की नियुक्ति कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को पटना स्थित ऊर्जा सभागार में आयोजित भव्य समारोह में इस उपलब्धि की जानकारी दी।
यह महज आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि उन गांवों, कस्बों और जिला अस्पतालों के लिए उम्मीद की लौ है, जहां चिकित्सा सुविधाएं वर्षों से डॉक्टरों के इंतज़ार में टकटकी लगाए बैठी थीं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 31 मई को 228 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया था, जबकि 10 जून को 694 पीजी डिग्रीधारी वरिष्ठ व सामान्य चिकित्सकों को बहाली दी गई। साथ ही, इसी अवधि में 509 विशेषज्ञ डॉक्टरों की बांड पोस्टिंग की प्रक्रिया भी पूरी की गई।
इस क्रांतिकारी प्रयास से न केवल डॉक्टरों की कमी दूर हुई, बल्कि राज्य के अस्पतालों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। 7468 नर्सों की बहाली कर सरकार ने यह संदेश भी स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती अब प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है। यह आंकड़ा अब तक की सबसे बड़ी नियुक्ति बन चुका है।
भविष्य की रूपरेखा भी तैयार:
स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि अगले दो से ढाई महीने में बीपीएससी के माध्यम से 1800 असिस्टेंट प्रोफेसर और बीटीएससी से 4200 विशेषज्ञों एवं दंत चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही, आयुष चिकित्सकों की बहाली प्रक्रिया भी गति पकड़ चुकी है।450 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (CHOs) की नियुक्ति भी आगामी डेढ़ माह में पूरी कर ली जाएगी। ये सभी प्रयास टीबी उन्मूलन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और रक्त संग्रहण जैसे लक्ष्यों की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
सुधरती मानसिकता: पटना नहीं, जिलों में सेवा की चाह:
एक बड़ा बदलाव यह भी देखने को मिला कि नवनियुक्त डॉक्टरों की सोच में भी परिपक्वता आ चुकी है। मंत्री मंगल पांडेय ने मंच से बताया कि उन्होंने जब 9 डॉक्टरों से जिलों की प्राथमिकता पूछी, तो 6 डॉक्टरों ने पटना की बजाय दरभंगा, खगड़िया जैसे जिलों में सेवा देने की इच्छा जताई। यह मानसिक बदलाव न केवल प्रेरक है, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के लिए शुभ संकेत भी।
प्रेरणा बन रहा है ‘होप’ का संदेश:
अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने नवनियुक्त चिकित्सकों को पीएमसीएच परिसर में बने 'मदर-चाइल्ड स्टैच्यू' का जिक्र करते हुए उसमें उकेरे गए शब्द "HOPE" (उम्मीद) को जीवन का मूल मंत्र बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, "रोगियों को मरीज नहीं, स्वयं की ही छाया मानें, तभी सेवा सच्ची होगी।"
डिजिटल ट्रैकिंग की पहल:
समारोह स्थल पर बनाए गए भव्या पोर्टल काउंटरों के माध्यम से नवनियुक्त डॉक्टरों को लॉगिन-पासवर्ड देकर सेवा आरंभ की गई। अब अस्पतालों में उनके द्वारा देखे गए मरीजों का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित होगा। यह पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक तकनीकी क्रांति है।
नवचयनितों को मंत्री की सीख:
स्वास्थ्य मंत्री ने नए डॉक्टरों को न केवल बधाई दी, बल्कि उन्हें उनकी सामाजिक और मानवीय जिम्मेदारियों का भी स्मरण कराया। उन्होंने कहा, "हर मरीज को एक इंसान नहीं, एक परिवार समझ कर सेवा दें। यही सच्ची चिकित्सकीय सेवा होगी।"