Bihar Education News: पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में पीएचडी फ़ीस बढ़ी, नए विभागों को मंज़ूरी, वोकेशनल व एलएलएम कोर्स की पढ़ाई होगी शुरु
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में पीएचडी कोर्स वर्क की फ़ीस में बढ़ोतरी के साथ ही पीएचडी कोर्स वर्क के सिलेबस में सुधार और अपडेट को भी स्वीकृति मिली।
Bihar Education News: पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में शनिवार को हुई सिंडिकेट की बैठक कई महत्वपूर्ण अकादमिक और प्रशासनिक फ़ैसलों की गवाह बनी। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. उपेंद्र प्रसाद सिंह ने की। इस दौरान 22वीं व 23वीं वित्त समिति, 20वीं एएनटीपीसी और 17वीं विद्वत परिषद की बैठकों में आए अधिकांश प्रस्तावों पर सदस्यों ने अपनी मुहर लगाई। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, यह निर्णय शैक्षिक ढांचे को और मज़बूत बनाने की दिशा में उठाया गया अहम कदम है।
बैठक में सबसे चर्चा योग्य फ़ैसला पीएचडी कोर्स वर्क की फ़ीस में बढ़ोतरी का रहा, जिसे व्यापक विमर्श के बाद मंज़ूरी दी गई। इसके साथ ही पीएचडी कोर्स वर्क के सिलेबस में सुधार और अपडेट को भी स्वीकृति मिली। मैथिली, होम साइंस, पर्शियन, मनोविज्ञान, केमेस्ट्री और प्राकृत जैसे विषयों के पाठ्यक्रम को नए स्वरूप में ढालने पर सहमति बनी, ताकि विषयों की आधुनिकता और उपयोगिता बनी रहे।
सिंडिकेट ने दो कॉलेजों में एलएलएम कोर्स और आठ कॉलेजों में नए वोकेशनल कोर्सों के संचालन की स्वीकृति भी प्रदान की। संस्कृत, पाली और मैथिली—इन तीन विषयों में नए विभाग खोलने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसके अतिरिक्त जिन कॉलेजों में स्नातक स्तर पर पढ़ाई चल रही है, वहां संबंधित विषयों में स्नातकोत्तर शिक्षा शुरू करने का रास्ता साफ़ हो गया है।
सभी पारित प्रस्ताव अब राजभवन और राज्य सरकार के पास अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद इन्हें विश्वविद्यालय में लागू किया जाएगा और अंततः सीनेट की बैठक में अंतिम अनुमोदन होगा।
एईडीपी के तहत नए कोर्स शुरू करने, बोर्ड ऑफ़ स्टडीज़ के गठन, पाँचवें सेमेस्टर में इंटर्नशिप अनिवार्य करने, पीएमआईआर को रेगुलर मोड में संचालित करने और दो व चार सेमेस्टर बाद एग्ज़िट ऑप्शन देने जैसे अहम प्रस्तावों को भी मंज़ूरी मिली।
बैठक में सहायक प्राध्यापकों और नवनियुक्त प्राचार्यों की नियुक्ति को भी अंतिम स्वीकृति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा छह विषयों में अनुशंसित सहायक प्राध्यापकों के नामों को भी मान्यता दे दी गई।शिक्षकेतर कर्मचारियों को उच्चतर पदभार देने संबंधी प्रोन्नति समिति की सिफ़ारिशों पर भी सिंडिकेट ने अपनी सहमति जताई।