Husband-Wife Fight: पति-पत्नी के बीच घरेलू विवाद ने एक रेलवे स्टेशन मास्टर की नौकरी और रेलवे को तीन करोड़ रुपए का भारी नुकसान पहुँचा दिया। इस मामले में हाईकोर्ट ने पत्नी के व्यवहार को "मानसिक क्रूरता" मानते हुए पति के तलाक की याचिका को मंजूर कर लिया है।
मामला क्या है?
यह घटना तब शुरू हुई जब विशाखापट्टनम में रेलवे स्टेशन मास्टर अपनी ड्यूटी के दौरान फोन पर अपनी पत्नी के साथ बहस कर रहा था। विवाद के दौरान पति ने फोन पर "ओके" कह दिया। इस "ओके" शब्द को दूसरे स्टेशन मास्टर ने ट्रेन को रवाना करने का सिग्नल समझ लिया और ट्रेन गलत रूट पर चली गई। इस गलती के कारण रेलवे को भारी आर्थिक नुकसान हुआ और स्टेशन मास्टर को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
शादी और विवाद का प्रारंभ
भिलाई की रहने वाली युवती की शादी 12 अक्टूबर 2011 को हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। शादी के बाद पत्नी ने पति को बताया कि उसका कॉलेज के लाइब्रेरियन के साथ अफेयर था, जो वह भूल नहीं पा रही है। पति ने इस बात की जानकारी पत्नी के पिता को दी और पिता ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा।
पति पर झूठे आरोप और दहेज प्रताड़ना का मामला
पत्नी ने पति और उसके परिवार पर दहेज उत्पीड़न का झूठा आरोप लगाया और पुलिस ने पति, उसके बुजुर्ग पिता, भाई, भाभी सहित परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इसके अलावा पत्नी ने अपने पति पर भाभी के साथ अवैध संबंधों का भी आरोप लगाया, जबकि परिवार का कहना है कि भाभी ने मां की सभी रस्में निभाई थीं, क्योंकि उनकी मां का निधन 2004 में हो गया था।
कोर्ट का फैसला: मानसिक क्रूरता का आधार
जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई में पाया कि पत्नी के व्यवहार ने पति के लिए मानसिक क्रूरता की स्थिति उत्पन्न की है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी द्वारा पति के परिवार के सदस्यों पर झूठे आरोप लगाने, दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने और पति के खिलाफ झूठे संबंधों का आरोप लगाने जैसी हरकतें मानसिक प्रताड़ना की श्रेणी में आती हैं। कोर्ट ने तलाक की याचिका मंजूर करते हुए पति को तलाक का हकदार माना।
इस निर्णय के बाद पति को तलाक की अनुमति मिल गई है और इस मामले ने घरेलू विवादों में कानूनी सहायता की जरूरत और झूठे आरोपों से बचने के महत्व को भी रेखांकित किया है।