Bihar Crime: मछली बनाने से किया इंकार, शराबी गैंग ने होटल को कर दिया खाक, लाखों का नुकसान, कई पशु जले

Bihar Crime:एक ऐसी दहला देने वाली वारदात सामने आई है जिसने पूरे इलाक़े को हिलाकर रख दिया।मछली बनाने से मना करने पर बदमाशों ने एक होटल में आग लगा दी। भीषण आग में होटल और पड़ोष का खटाल जल गया..

drunken gang destroys hotel
मछली बनाने से इंकार करने पर शराबियों ने होटल में लगाई आग- फोटो : social Media

Bihar Crime:एक होटल में कुछ नशे में धुत्त आवारा बदमाशों ने सिर्फ इसलिए आग लगा दी क्योंकि होटल मालिक ने किचन में मछली बनाने से इंकार कर दिया था। इंकार भी कोई मनमानी नहीं—गैस सिलेंडर की गैस ख़त्म हो चुकी थी, लेकिन शराबियों की अय्याशी और ताबड़तोड़ दबंगई ने होटल को राख में बदल दिया।औरंगाबाद ज़िले के  ब्लॉक मोड़ से एक ऐसी दहला देने वाली वारदात सामने आई है जिसने पूरे इलाक़े को हिलाकर रख दिया। 

घटना तड़के लगभग 3 बजे की है। होटल संचालक शिवकुमार सिंह, जो ओबरा के मनोरा बाजितपुर के रहने वाले हैं, कई सालों से यहां होटल चला रहे हैं जहां शाकाहारी और नॉनवेज दोनों का इंतज़ाम रहता है। सोमवार की शाम कुछ युवक गाड़ियों जैसा टलते-डोलते होटल पहुंचे और मछली की फरमाइश करने लगे। जब होटल मालिक ने गैस खत्म होने की वजह से ऑर्डर पूरा करने से मना किया तो शराबियों का पारा चढ़ गया। गाली-गलौज, झगड़ा और धमकी देकर वे वहां से चले गए, लेकिन उनके इरादे यहीं शांत नहीं हुए थे।

रात गहराने के साथ उनकी दुश्मनी की आग भी भड़क उठी। शिवकुमार ने बताया कि रात के सन्नाटे में अचानक जलने की बू आई। बाहर निकलकर देखा तो होटल आग के दरिया में डूबा हुआ था, और साथ ही बगल का खटाल भी। आग की लपटें इतनी क्रूर थीं कि स्थानीय लोगों की मदद से भी उसे काबू करना नामुमकिन हो गया। कई मवेशी झुलस गए, और होटल संचालक की पत्नी भी घायल हो गईं।

दो फ्रिज, बाइक, किचन के औज़ार, काउंटर का माल, खटाल का सामान 7 से 8 लाख रुपए की पूरी संपत्ति चंद मिनटों में खाक हो गई।फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझाई, लेकिन तब तक सिर्फ सुलगती राख और टूटे सपनों का मंजर बचा था।

शिवकुमार सिंह ने नगर थाने में लिखित आवेदन देकर आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी और सख़्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है।इस वारदात ने फिर साबित कर दिया कि नशा जब सिर पर चढ़ता है तो इंसान से जानवर भी शर्माता है और कानून का खौफ़ गायब होते ही अपराधी आग, खून और खौफ का खेल खेलने लगते हैं।