Urine Scandal: छात्राओं की बोतल में पेशाब मिलाने पर बवाल, चार गिरफ्तार, जांच समिति गठित, स्कूल में किसने दिया शर्मनाक करतूत को अंजाम?

Urine Scandal: एक स्कूल से ऐसा हैरतअंगेज़ और शर्मनाक मामला सामने आया है जिसने इलाके में खौफ़, ग़ुस्सा और बवाल खड़ा कर दिया। कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि समुदाय विशेष के कुछ छात्रों ने उनकी पानी की बोतल में पेशाब मिलाकर बैग में रख दिया।

Urine Found in Students Bottles
छात्राओं की बोतल में पेशाब मिलाने पर बवाल- फोटो : social Media

एक स्कूल से ऐसा हैरतअंगेज़ और शर्मनाक मामला सामने आया है जिसने इलाके में खौफ़, ग़ुस्सा और बवाल खड़ा कर दिया। कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि समुदाय विशेष के कुछ छात्रों ने उनकी पानी की बोतल में पेशाब मिलाकर बैग में रख दिया। इतना ही नहीं, स्कूल के बाथरूम की दीवारों पर अश्लील और बेहूदा मैसेज भी लिखे गए। इस हरकत ने छात्राओं को सदमे में डाल दिया।

यूपी के बदायूं  चमेली देवी हायर सेकेंडरी स्कूल में छात्राओं ने पहले स्कूल प्रबंधन से शिकायत की, लेकिन आरोप है कि प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से लेने के बजाय टालमटोल किया और कहा—“बच्चों को समझा देंगे।” इसके बाद छात्राओं ने यह बात घरवालों को बताई। परिवारों ने भी प्रबंधन से बात की, पर आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।

मामला यहीं नहीं रुका। परिजन जब न्याय के लिए इधर-उधर भटकते रहे तो उन्होंने करणी सेना और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को सूचना दी। देखते ही देखते स्कूल में हंगामा, शोर-शराबा और अफरा-तफरी मच गई। करणी सेना के नगर अध्यक्ष शिवसेवक गुप्ता सहित कई लोग स्कूल पहुंचे और स्टाफ के साथ तीखी नोकझोंक हुई।

स्कूल प्रबंधक विनोद कुमार ने उल्टे आरोप लगाया कि शिवसेवक गुप्ता करीब 150 लोगों के साथ स्कूल में घुस आए, स्टाफ से बदसलूकी, कुछ छात्रों के साथ मारपीट की और जबरन घंटी बजाकर स्कूल की छुट्टी करा दी। प्रबंधक की ओर से भी पुलिस में तहरीर दी गई है।

इधर, शिवसेवक गुप्ता की तहरीर पर पुलिस ने तीन अज्ञात छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। साथ ही आरोपियों के परिवारों से जुड़े चार लोगों को शांति भंग की धारा में गिरफ्तार किया है। मामले को लेकर कस्बे में तनाव का माहौल बना हुआ है।

इधर, बढ़ते विवाद को देखते हुए डीआईओएस लालजी यादव ने पूरे प्रकरण का संज्ञान लिया है। उन्होंने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है, जिसमें जीआईसी, जीजीआईसी और राजकीय हाई स्कूल खुनक के प्रधानाचार्य शामिल हैं। समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यह पूरा मामला शिक्षा संस्थानों में गिरते अनुशासन और बढ़ती अराजकता को उजागर करता है, जिससे अभिभावकों में दहशत और अविश्वास बढ़ गया है। पुलिस और प्रशासन पर अब सख्त कार्रवाई की जिम्मेदारी है।