Bihar Crime: टाइगर रिजर्व में बियर पार्टी करते 4 वनपाल धराए, 7 यार भी गिरफ्तार,जंगल की रक्षा छोड़ बोतल से यारी पड़ी महंगी
Bihar Crime जंगल की रक्षा करने वाले वनपाल ही बियर की बोतलें गटकते रंगे हाथों धर लिए गए। जी हां, चार वनपालों समेत 11 लोग बगहा के नौरंगिया में बियर पार्टी मनाते पकड़े गए, और मौके से आठ बियर की बोतलें भी बरामद हुईं।

Bihar Crime:बिहार, जहां शराबबंदी का ढोल पीटा जाता है, वहां शराब की चुस्कियां लेते लोग तो अक्सर पकड़े जाते हैं, लेकिन इस बार हद हो गई! पश्चिम चंपारण के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल की रक्षा करने वाले वनपाल ही बियर की बोतलें गटकते रंगे हाथों धर लिए गए। जी हां, चार वनपालों समेत 11 लोग बगहा के नौरंगिया में बियर पार्टी मनाते पकड़े गए, और मौके से आठ बियर की बोतलें भी बरामद हुईं। शनिवार की रात जंगल में ये "जंगल पार्टी" चल रही थी, लेकिन SDPO की छापेमारी ने सारा मजा किरकिरा कर दिया। अब वन विभाग के अधिकारी सकते में हैं, और इलाके में हड़कंप मचा है।
जंगल में बियर पार्टी: वनपालों का "शिकार"
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, जहां बाघों की दहाड़ और जंगल की शांति की बात होती है, वहां शनिवार की रात बियर की बोतलों का शोर गूंज रहा था। बगहा के नौरंगिया इलाके में चार वनपाल—जिनका काम जंगल और वन्यजीवों की रक्षा करना है—अपने 11 साथियों के साथ बियर की चुस्कियां ले रहे थे। लेकिन उनकी ये "जंगल की रात" ज्यादा देर नहीं चली। SDPO को किसी ने गुप्त सूचना दी, और बस, पुलिस की टीम ने जंगल में धावा बोल दिया।
छापेमारी के दौरान मौके से आठ बियर की बोतलें बरामद हुईं, और चार वनपाल समेत 11 लोग हथकड़ी में जंगल से थाने की सैर को निकल पड़े। ये तो वही बात हुई कि "जंगल के रक्षक ही जब बोतल के दीवाने बन जाएं, तो बाघों का क्या होगा?" पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए सभी को गिरफ्तार कर लिया, और अब इस मामले की जांच चल रही है।
पश्चिमी चंपारण के बगहा पुलिस जिले में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) के कर्मचारियों को 'पानी' की जगह 'शराब' का शौक महंगा पड़ गया। बगहा एसडीपीओ को मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर नॉरंगिया थाना पुलिस ने शनिवार की देर रात मदनपुर वन क्षेत्र के एक फोरेस्टर के आवास पर छापेमारी की। इस 'वन विहार' में पुलिस ने कुल 9 लोगों को शराब पीते हुए धर दबोचा, जिनमें VTR के चार वनपाल (फोरेस्टर) भी शामिल हैं।पुलिस ने मौके से 31 बोतल शराब और बीयर बरामद की, जिसमें 27 बोतलें खाली थीं और 4 में अभी भी 'रस' बाकी था। बताया जा रहा है कि चिउटहा वन क्षेत्र के वनपाल मुकेश मधुकर, जिनका तबादला हाल ही में पटना हुआ है, किसी काम से मदनपुर आए थे और उन्हीं की 'सेवा' में यह 'महफिल' सजी थी।
इस 'रंगारंग' कार्यक्रम में गिरफ्तार होने वाले 'भागीरथी' इस प्रकार हैं:
- राजेश रोशन, वनपाल, मदनपुर वन क्षेत्र
- सोनू कुमार, वनपाल, नॉरंगिया वन परिसर
- मुकेश कुमार मधुकर, वनपाल, चिउटहा वन प्रक्षेत्र (पटना)
- नवीन कुमार (नालंदा)
- ज्ञान रंजन कुमार (नालंदा)
- अखिलेश कुमात (नालंदा)
- बसन्त राज (नालंदा)
- सगम कुमार (बेगूसराय)
- शेखर कुमार (पटना)
शराबबंदी का ढोल, लेकिन बोतलें गोल
बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है, और सरकार दावा करती है कि राज्य में शराब का नामोनिशान नहीं। लेकिन हकीकत तो ये है कि शराब की बोतलें कभी नाले में तैरती मिलती हैं, तो कभी जंगल में चमकती हैं। इस बार तो शराबबंदी का मजाक उड़ाने का ठेका वनपालों ने ले लिया। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील इलाके में, जहां बाघों की सुरक्षा के लिए चौकसी जरूरी है, वहां वनपालों का बियर पार्टी करना न सिर्फ लापरवाही है, बल्कि शराबबंदी के दावों पर बड़ा तमाचा है।
सवाल ये है कि जब जंगल के रखवाले ही बोतल के साथ "चीयर्स" कर रहे हों, तो बाघों और जंगल की रक्षा कौन करेगा? क्या वनपालों ने सोचा कि बाघ भी उनकी पार्टी में शामिल हो जाएंगे? खैर, अब तो पुलिस ने उनकी पार्टी का बैंड बजा दिया है, और वन विभाग के अधिकारी भी इस "जंगल ड्रामे" से हैरान-परेशान हैं।
हड़कंप और वन विभाग की किरकिरी
इस घटना के बाद वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में हड़कंप मच गया है। वन विभाग के लिए ये मामला शर्मिंदगी का सबब बन गया है, क्योंकि जिन वनपालों पर जंगल की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, वही शराबबंदी के कानून को ठेंगा दिखा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, वन विभाग अब इस मामले की आंतरिक जांच कर रहा है, और पकड़े गए वनपालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये कार्रवाई सिर्फ खानापूर्ति होगी, या वाकई कुछ बदलाव आएगा?
जंगल में पार्टी, शराबबंदी फुस्स
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बियर पार्टी का ये तमाशा न सिर्फ वन विभाग की लापरवाही को दिखाता है, बल्कि बिहार की शराबबंदी की पोल भी खोलता है। जंगल के रक्षक जब बोतल के साथ "जंगल में मंगल" कर रहे हों, तो बाघों और जंगल का भगवान ही मालिक है। अब देखना ये है कि इस घटना के बाद वन विभाग और सरकार क्या कदम उठाती है। क्या वनपालों को सजा मिलेगी, या ये मामला भी जंगल की खामोशी में दब जाएगा? फिलहाल तो बिहार के जंगल में बियर की बोतलें और शराबबंदी का ढोल एक साथ बज रहे हैं, और जनता इस तमाशे को देखकर बस मुस्कुरा रही है!