Bihar Crime:गुप्तांग, मुंह से निकल रहा था खून, बिहार में 5 साल की बच्ची से हैवानियत के बाद हत्या, सम्राट चौधरी के कानून-व्यवस्था पर सवाल

Bihar Crime: 5 साल की मासूम बच्ची के साथ जिस बर्बरता से हैवानियत को अंजाम दिया गया, उसने पूरे इलाके को दहशत, गुस्से और मातम में डुबो दिया है।

 Bhojpur girl was brutally murdered
5 साल की बच्ची से हैवानियत के बाद हत्या- फोटो : social Media

Bihar Crime:बिहार एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली दरिंदगी का गवाह बना है। भोजपुर जिले के अगिआंव इलाके में 5 साल की मासूम बच्ची के साथ जिस बर्बरता से हैवानियत को अंजाम दिया गया, उसने पूरे इलाके को दहशत, गुस्से और मातम में डुबो दिया। मंगलवार की रात घर से अगवा की गई बच्ची के साथ पहले दरिंदगी की गई और फिर विरोध करने पर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। बुधवार की सुबह उसका शव घर से करीब एक किलोमीटर दूर नहर से बरामद हुआ, जहां मासूम की खामोश लाश ने पूरे सिस्टम को कठघरे में खड़ा कर दिया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और डॉक्टरों की शुरुआती जांच ने रूह कंपा देने वाली सच्चाई सामने रखी। आरा सदर अस्पताल के डॉक्टर सौरभ कुमार ने बताया कि बच्ची के चेहरे पर खरोंच के निशान थे और गुप्तांग बुरी तरह क्षतिग्रस्त था। अत्यधिक ब्लीडिंग के चलते मौत की आशंका जताई जा रही है। चार डॉक्टरों की टीम ने जब पोस्टमॉर्टम किया, तो हर किसी का सिर शर्म से झुक गया। डॉक्टरों के मुताबिक, उन्होंने अपने करियर में इतनी क्रूर घटना पहले नहीं देखी थी। बच्ची के शरीर से स्वाब, बाल, नाखून समेत कई अहम साक्ष्य एफएसएल भेजे गए हैं, ताकि दरिंदे तक पहुंचा जा सके।

घटना की रात बच्ची के पिता बाहर काम पर थे और मां कुछ देर के लिए घर से बाहर गई थी। इसी दौरान मौके की ताक में बैठे आरोपी मुकेश ने वारदात को अंजाम दिया। बच्ची की चाची सीमा देवी ने बताया कि उन्होंने आरोपी को घर के आसपास संदिग्ध हालत में देखा था, लेकिन तब अंदाजा नहीं था कि वह ऐसा शैतान निकलेगा। देर रात बच्ची के गायब होने पर परिजनों ने खोजबीन की और फिर डायल 112 को सूचना दी। सुबह नहर किनारे लाश मिलने की खबर ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया।

घटना के बाद इलाके में उबाल आ गया। आक्रोशित लोगों ने बच्ची की लाश सड़क पर रखकर करीब दो घंटे तक जाम लगाया और आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी व कड़ी सजा की मांग की। गड़हनी थाने के SHO कमलजीत ने किसी तरह लोगों को शांत कराया और सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया। लेकिन सवाल अब भी कायम है क्या दरिंदों का खौफ खत्म होगा, या मासूमों की कुर्बानी यूं ही सिस्टम की नाकामी की भेंट चढ़ती रहेगी?

रिपोर्ट- आशीष कुमार