भोजपुर में 24 घंटे में गोलियों की गूंज, सिमांचल एक्सप्रेस से गांव तक अपराधियों का तांडव, कानून-व्यवस्था पर खड़े हुए गंभीर सवाल

Bhojpur Crime: भोजपुर जिला बीते 24 घंटे के भीतर गोलीबारी की तीन अलग अलग घटनाओं से दहल उठा है। ट्रेन, गांव और बाजार तीनों जगहों पर अपराधियों के बेखौफ तांडव ने कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है।

Gunfire Rocks Bhojpur in 24 Hours
भोजपुर में 24 घंटे में गोलियों की गूंज- फोटो : reporter

Bhojpur Crime: भोजपुर जिला बीते 24 घंटे के भीतर गोलीबारी की तीन अलग अलग घटनाओं से दहल उठा है। ट्रेन, गांव और बाजार तीनों जगहों पर अपराधियों के बेखौफ तांडव ने कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है। सबसे पहले सिमांचल एक्सप्रेस में शराब तस्करों ने उत्पात मचाते हुए फायरिंग की, जिससे यात्रियों में अफरातफरी मच गई। इसके बाद गढ़हनी थाना क्षेत्र के शिवपुर गांव में बदमाशों ने जन वितरण प्रणाली के दुकानदार आफताब अली को गोली मार दी। अब तीसरी घटना ने पूरे जिले को झकझोर दिया है।

ताजा मामला आरा भोजपुर जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के भटौली गांव के समीप का है, जहां संदिग्ध परिस्थितियों में एक किशोर को गोली मार दी गई। जख्मी किशोर की पहचान हिमांशु कुमार के रूप में हुई है, जो भटौली गांव निवासी नंदकिशोर यादव का पुत्र है। गोली उसके बाएं जांघ और प्राइवेट पार्ट्स में लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में उसे आरा शहर के बाबू बाजार स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।

घायल किशोर के अनुसार वह गांव से इसाढ़ी बाजार ट्यूशन पढ़ने गया था। लौटते समय गांव के पास ही दो युवकों ने उस पर गोली चला दी। हालांकि गोली किसने और क्यों मारी, इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। इस घटना ने न केवल परिवार को, बल्कि पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है।

इलाज कर रहे सर्जन डॉक्टर विकास सिंह ने बताया कि गोली बाएं जांघ में लगी थी और उससे जांघ सहित प्राइवेट पार्ट्स पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऑपरेशन कर गोली निकाल दी गई है और फिलहाल मरीज की स्थिति स्थिर है।

लगातार हो रही फायरिंग की घटनाओं ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष हमलावर है और सरकार से जवाब मांग रहा है, वहीं आम लोग भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं। पुलिस तीनों मामलों की जांच में जुटी है, लेकिन बड़ा सवाल यही है क्या भोजपुर में अपराधियों पर लगाम लग पाएगी, या गोलियों की गूंज यूं ही जारी रहेगी?

रिपोर्ट- आशीष कुमार