CHHAPRA - एक तरफ बिहार पुलिस को फ्री हैंड देने की बात कही जा रही है। ताकि अपराधियों को पकड़ने में कोई बाधा नहीं हो, वहीं दूसरी तरफ पुलिस के अधिकारी इस छूट का नाजायज फायदा उठाने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। कुछ दिन पहले भागलपुर में एनएसजी कमांडो से मारपीट की घटना हुई थी। अब छपरा में भी पुलिस ने सीआरपीएफ जवान के परिवार पर अपनी क्रूरता दिखाई है। छोटे से विवाद न सिर्फ जवान को जेल में डाल दिया गया। बल्कि उसके परिवार पर भी जुल्म किया गया है। पुलिस ने जवान के परिवार में शामिल महिलाओं और बच्चों की जमकर पिटाई की है। यहां तक कि महिलाओं के नाजुक अंगों पर वार किया गया। खुद महिलाओं ने पुलिस की पिटाई का दर्द बयां किया है। जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं मामला सामने आने के बाद अब एसडीपीओ ने पूरी घटना के जांच के आदेश दिए हैं।
दरअसल सारण जिले के दिघवारा थाने से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है। जहां वीडियो में पीड़ित महिला दिघवारा थाना प्रभारी सहित दिघवारा थाना के अन्य पुलिस कर्मियों पर महिलाओं एवं बच्चों के प्राइवेट पार्ट पर लात - जूतो एवं डंडे से मारकर घायल करने का आरोप लगा रही है। वायरल विडियो में पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि दिघवारा थाना प्रभारी एवं अन्य पुरुष पुलिस कर्मियों ने महिला के प्राइवेट पार्ट लात जूतों एवं डंडे से निर्मता पूर्वक पिटाई की है। साथ ही पुलिस ने क्रुरता की हदें पार करते हुए सात वर्षीय नाबालिग बेटे की भी निर्मम तरीके से पिटाई करके गंभीर रूप घायल कर दिया।
होली के दिन की है यह है पूरी घटना
होली के दिन दिघवारा थाना क्षेत्र के मीरपुर भुआल निवासी व सीआरपीएफ के जवान राधे कृष्ण महतो छुट्टी में आया था। घर के पास ही एक सफाई कर्मचारी को किसी बात को लेकर गश्ती कर रही पुलिस डांट रही थी। रोड से कचरा हटाने के लिए बोल रही थी। पुलिस सफाई कर्मचारी से उलझ रही थी। सीआरपीएफ जवान वहां पर पहुंचे और रोके तो पुलिस बोली तुम कौन होते हो? फिर उलझ गया।
थानेदार का कहना था कि जवान नशे की हालत में आकर पुलिस से उलझ गया और गाड़ी तोड़फोड़ करने लगा तो उसे गिरफ्तार किया गया। जवान को पुलिस गिरफ्तार कर सरकारी कार्य में बाधा डालने और नशे करने के आरोप में जेल भेज दिया।
पीड़िता का आरोप
पीड़िता सरिता देवी ने राज्य मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री बिहार, पुलिस महानिदेशक समेत कई उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि 15 मार्च 2025 को उनके मोहल्ले में होली का आयोजन चल रहा था, तभी दिघवारा थानाध्यक्ष नशे की हालत में पहुंचे और गाली-गलौज करने लगे। जब उनके पति राधे कृष्ण महतो ने समझाने की कोशिश की, तो थानाध्यक्ष और उनके सहयोगियों ने बेरहमी से पिटाई कर दी। शिकायत में यह भी कहा गया है कि पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया, घर में घुसकर तोड़फोड़ की और यहां तक कि बच्चों तक को नहीं बख्शा। 16 मार्च की सुबह तक उनके पति को गंभीर हालत में छोड़ दिया गया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
थानाध्यक्ष ने कहा पिटाई के बारे में नहीं जानता
दिघवारा थानाध्यक्ष अंकित कुमार ने बताया कि सीआरपीएफ जवान नशे की हालत में आकर गश्ती कर रही पुलिस से उलझ गया और रोकने पर पुलिस की गाड़ी तोड़फोड़ की। इसलिए कानून हाथ में लेने और नशे करने के आरोप में जेल भेजा गया है। इस बावत थानाध्यक्ष से जब पूछा गया कि जवान के परिजन के साथ पुलिस बर्बरता पूर्वक मारपीट की है तो बताया कि ये हम नहीं जानते है महिला पुलिस लोग बतायेगी। उसके बाद फोन कट कर दिये।
सोनपुर एसडीपीओ प्रितेश कुमार ने बताया की वायरल विडियो को लेकर संज्ञान लिया गया है वायरल विडियो में दिघवारा थाना प्रभारी द्वारा महिलाओं की पिटाई करने का आरोप लगाएं गये है। वायरल विडियो की जांच की जा रही है। पीड़ित महिलाओं का बयान लेकर एवं चिकित्सीय मन्तव्य लेकर रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को प्रेषित की जाएगी।
वहीं सारण के डीआईजी ने बताया कि निलेश कुमार की माने तो दिघवारा थानाअंतर्गत इस मामले की जानकारी नहीं मिली है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस विभाग इसकी जांच करेगी।
REPORT - SHASHI SINGH