Bihar News: औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका को सरकार ने क्लीन चिट दे दिया है. बालू के अवैध खनन-परिवहन में आईपीएस अधिकारी व औरंगाबाद के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को लिप्त पाया गया था. आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने औरंगाबाद के एसपी व 2010 बैच के आईपीएस अफसर पोरिका को 27 जुलाई 2021 के प्रभाव से निलंबित कर दिया था. सुधीर कुमार पोरिका के पहले मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसपी विवेक कुमार जो भ्रष्टाचार केस में फंसे थे, निगरानी ने जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छापेमारी की थी, उन्हें भी राहत दी गई थी. भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोपित बिहार कैडर के 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी विवेक कुमार को सरकार ने राहत देते हुए निगरानी थाना इकाई में दर्ज केस वापस लेने का निर्णय लिया था.
6 में तीन आरोप आंशिक रूप से प्रमाणित पाए गए थे
नीतीश सरकार ने न सिर्फ निलंबित किया बल्कि सुधीर कुमार पोरिका के खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया.इस मामले में गृह विभाग ने 4 जनवरी 2022 को मुख्य जांच आयुक्त को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया. संचालन पदाधिकारी ने जांच के बाद 1 सितंबर 2023 को गृह विभाग को अपीन रिपोर्ट दी. जिसमें सुधीर कुमार पोरिका के खिलाफ गठित 6 आरोपों में तीन आरोपों को अप्रमाणित पाया. इसके साथ ही तीन आरोप आंशिक रूप से प्रमाणित पाए गए .
यूपीएससी ने दोषमुक्त करने की सिफारिश की
मुख्य जांच आयुक्त सह संचालन पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट को सरकार ने समीक्षा की. इसके बाद बिहार सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग से मंतव्य मांगा. यूपीएससी ने 9 अगस्त 2024 के माध्यम से अपना मंतव्य दिया,जिसमें सुधीर कुमार पोरिका के खिलाफ लगाए गए आरोपों को अप्रमाणित पाया. साथ ही इन्हें दोष मुक्त घोषित करने की सिफारिश की. संघ लोक सेवा आयोग से परामर्श के बाद औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका के खिलाफ संचालित विभागीय कार्रवाई को दोष मुक्त करते हुए समाप्त कर दिया गया है. इस संबंध में गृह विभाग की तरफ से संकल्प जारी कर दिया गया है.