Bihar News: बिहार के मुंगेर में मनरेगा योजना में लूट की गंगा बह रही है। मनमाने ढंग से सड़क का निर्माण किया जा रहा है। वहीं गुणवत्ता विहीन से बन रहे ग्रामीण सड़क में लिप्त भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि बिना तकनीकि और बिना प्रक्लन राशि के ही इस योजना को धरातल पर उतार दिया गया है। वहीं इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि एक योजना पर 47 % कमीशन मुखिया से लेकर अधिकारीयों को 53% देना पड़ता है।
दरअसल, मुंगेर जिला मुख्यालय से लगभग 55- 60 किलोमीटर दूर असरगंज प्रखण्ड स्थित जोड़ारी पंचायत के वार्ड नं०1 खरवा गांव में मनरेगा योजना के तहत अधिकारियों की मिली भगत से बिना योजना पट लगाए ही 6 -7 सौ मीटर सड़क निर्माण का कार्य हो रहा है। इस सड़क निर्माण के बारे मे ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा पी०ओ०, पी०आर०एस०, जे०ई० की मिली भगत से नरेश दास के घर से बागेश्वरी स्थान तक सड़क निर्माण करवाया जा रहा है। इस सड़क में समूचा ईंट की जगह पर आधा ईंट सड़क पर बिछाया जा रहा है।
ग्रामीण कृष्ण रविदास ने बताया कि किस तरह से सिस्टम में भ्रष्टाचार लिप्त है कि किसी योजना को स्वीकृत कराने के लिए पहले तो अभियंता को 5% बतौर कमीशन देना पड़ता है। उसके बाद सम्बन्धित कार्यालय को 32% बतौर कमीशन देना पड़ता है। फिर मुखिया जी को 10% कमीशन देना पड़ता है। गौरतलब ये है कि मनरेगा के पोर्टल पर इस योजना को जेनरेट तो कर दिया गया है परन्तु इस योजना को तकनीकी स्वीकृति नहीं मिली है और न ही इसके प्रक्लन राशि का आकलन हो पाया है।
जब इस मामले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साहेब यादव से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने ने भी स्वीकारा कि यह योजना बिना किसी तकनीकि और प्रक्लन राशि के ही योजना धरातल पर उतार दी गई है। इस मामले में जे० ई० और पी०ओ० को योजना की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी। फिलहाल योजना को पोर्टल पर से डिलीट करेंगे साथ ही ब्लैक लिस्ट करेंगे जिससे उस जगह पर कोई काम न हो और न ही किसी उस सन्दर्भ मे कोई निकाशी हो सके।
मुंगेर से इम्तियाज की रिपोर्ट