Crime News : किराए के मकान में रहने वाले 46 वर्षीय एक व्यक्ति और उसकी चार बेटियों के सड़े-गले शव मिलने से कोहराम मच गया. मृतकों में दो दिव्यांग हैं. पुलिस ने शनिवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में चारों शव मिले हैं. मृतकों की पहचान हीरालाल शर्मा के रूप में हुई है, जो पिछले 28 वर्षों से वसंत कुंज में इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में बढ़ई का काम करता था, और उसकी चार बेटियाँ - नीतू (26), निक्की (24), नीरू (23) और निधि (20) भी मृत पाई गई.
पुलिस के अनुसार शवों पर चोट के निशान नहीं थे, लेकिन पुलिस को घर में सेल्फोस जहर के तीन पैकेट, पांच गिलास और एक चम्मच मिला, जिसमें संदिग्ध तरल पदार्थ था। पुलिस ने कहा कि व्यक्ति की दो सबसे छोटी बेटियां दिव्यांग थीं, जबकि पड़ोसियों ने दावा किया कि चारों दिव्यांग थीं। स्थानीय लोगों के अनुसार, बेटियां मुश्किल से ही अपने कमरे से बाहर निकलती थीं। पड़ोसियों ने दावा किया कि उन्होंने आखिरी बार व्यक्ति और उसकी बेटियों को 24 सितंबर को देखा था।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शवों की खोज तब हुई, जब पड़ोसियों ने रंगपुरी गांव में एक आवासीय परिसर की पहली मंजिल पर किराए के मकान से दुर्गंध आने की शिकायत की। डीसीपी मीना ने बताया कि बिल्डिंग के मालिक नितिन चौहान को केयरटेकर ने बताया कि फ्लैट सी-4 से बदबू आ रही है, जिसके बाद उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अधिकारी ने बताया कि फायर ब्रिगेड की टीम की मदद से पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और एक कमरे में एक व्यक्ति मृत पड़ा मिला, जबकि दूसरे कमरे में चार महिलाओं के शव मिले।
डीसीपी ने बताया कि पड़ोसियों और करीबी रिश्तेदारों से पूछताछ में पता चला है कि हीरालाल की पत्नी की करीब एक साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी। अधिकारी ने बताया कि वह हर महीने करीब 25000 रुपये कमाता था, लेकिन जनवरी 2024 से वह अपनी ड्यूटी पर नहीं आया है।
इस बीच, घटना की जानकारी मिलने पर हीरालाल के भाई मोहन शर्मा और भाभी गुड़िया शर्मा घर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पत्नी की मौत के बाद हीरालाल ने पारिवारिक मामलों में रुचि लेना बंद कर दिया था और वह ज्यादातर अपनी बेटियों के इलाज में ही व्यस्त रहता था। पुलिस ने बताया कि बीएनएसएस की धारा 194 के तहत जांच शुरू कर दी गई है और पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है।