Bihar Crime:भिक्षु के वेश में छिपा बांग्लादेशी घुसपैठिया गिरफ्तार, फर्जी आधार कार्ड के साथ रचा खतरनाक जाल
Bihar Crime:एक बांग्लादेशी नागरिक फर्जी पहचान के साथ भिक्षु बनकर स्लीपिंग बुद्धा मॉनेस्ट्री में चोरी-छिपे रह रहा था।

Bihar Crime:पवित्र नगरी बोधगया में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक बांग्लादेशी नागरिक फर्जी पहचान के साथ भिक्षु बनकर स्लीपिंग बुद्धा मॉनेस्ट्री में चोरी-छिपे रह रहा था। पुलिस ने इस घुसपैठिए को गिरफ्तार कर गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। गिरफ्तार शख्स की असली पहचान पवन कांति बरुआ के रूप में हुई, जो बांग्लादेश का रहने वाला है। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
बुधवार देर रात बोधगया थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह अपनी टीम के साथ गश्त पर थे। इस दौरान अम्मा गांव के पास स्थित स्लीपिंग बुद्धा मॉनेस्ट्री और बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन में रहने वालों की सत्यापन प्रक्रिया शुरू की गई। जांच के दौरान एक भिक्षु संदिग्ध रूप से छिपने की कोशिश करने लगा। पुलिस ने शक के आधार पर उसे हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की। शुरुआत में उसने खुद को प्रापूल चकमा (62 वर्ष), अरुणाचल प्रदेश का निवासी बताया, लेकिन पुलिस को उसकी बातों पर भरोसा नहीं हुआ।बोधगया थाने में गहन पूछताछ के बाद आखिरकार सच सामने आया। संदिग्ध ने कबूल किया कि उसका असली नाम पवन कांति बरुआ है, और वह बांग्लादेश के काठ खाली थाना क्षेत्र का रहने वाला है। उसने अपने पिता का नाम सुकेंदु विकास बरुआ बताया। पुलिस ने पवन को असली पहचान छिपाने और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में रहने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
जांच में पता चला कि पवन कांति बरुआ पहले भी कई बार बोधगया आ चुका था। हाल ही में उसने बिना वीजा या पासपोर्ट के अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया। इसके बाद उसने अरुणाचल प्रदेश में फर्जी आधार कार्ड बनवाया और बोधगया के स्लीपिंग बुद्धा मॉनेस्ट्री में भिक्षु बनकर रहने लगा। यह फर्जी आधार कार्ड उसकी असली पहचान छिपाने का सबसे बड़ा हथियार था।बोधगया थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने बताया, "पिछले 15 दिनों से यह व्यक्ति अपनी असली पहचान छिपाकर मॉनेस्ट्री में रह रहा था। शक होने पर जब हमने पूछताछ की, तो उसने पहले गलत पहचान बताई। गहन जांच के बाद उसका असली नाम और बांग्लादेशी नागरिकता का खुलासा हुआ। फर्जी आधार कार्ड के साथ वह स्लीपिंग बुद्धा मॉनेस्ट्री में छिपा था। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, और आगे की कार्रवाई जारी है।"
इस घटना ने बोधगया जैसे संवेदनशील और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्थल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक विदेशी नागरिक का फर्जी दस्तावेजों के साथ इतने लंबे समय तक मॉनेस्ट्री में रहना और उसका भिक्षु बनकर घुलमिल जाना खुफिया तंत्र की नाकामी को दर्शाता है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या पवन के पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है और क्या उसका मकसद सिर्फ छिपना था या कुछ और।पुलिस ने पवन कांति बरुआ के खिलाफ अवैध घुसपैठ, फर्जी दस्तावेज बनाने, और पहचान छिपाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। उसके फर्जी आधार कार्ड की जांच के साथ-साथ यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसने अरुणाचल प्रदेश में यह दस्तावेज कैसे बनवाया। इस मामले ने स्थानीय लोगों में भी दहशत पैदा कर दी है, और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
यह सनसनीखेज खुलासा न केवल बोधगया, बल्कि पूरे देश में सुरक्षा के प्रति सतर्कता बढ़ाने का संदेश देता है। क्या ऐसे और भी घुसपैठिए हमारे बीच छिपे हैं? यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है।
रिपोर्ट- संतोष कुमार