हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में लगी भीषण आग, 44 की मौत, 300 लापता, लापरवाही के आरोप में तीन गिरफ्तार
हांगकांग के हादसे में अब तक कम से कम 44 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 300 लोग अभी भी लापता हैं। घंटों तक आग की लपटें जारी रहीं।
Fire : हांगकांग के ताइ पो जिले स्थित वांग फुक कोर्ट हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में लगी भीषण आग ने भयावह रूप ले लिया है। अधिकारियों के अनुसार, इस हादसे में अब तक कम से कम 44 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 300 लोग अभी भी लापता हैं। घटना बुधवार दोपहर शुरू हुई और गुरुवार तक आग के कई हिस्सों में लपटें जारी रहीं।
भीड़भाड़ वाले इस 2,000 फ्लैट वाले कॉम्प्लेक्स में 4,600 से ज्यादा लोग रहते हैं। पुलिस के मुताबिक, आग तेजी से फैलने की मुख्य वजह मेंटेनेंस कार्य के दौरान इस्तेमाल किए गए असुरक्षित बांस के मचान, प्लास्टिक कवर और फोम मटीरियल थे, जो संभवतः फायर सेफ्टी मानकों को पूरा नहीं करते थे। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ खिड़कियों को फोम से सील कर दिया गया था, जिससे धुआं और गर्मी अंदर फंस गई।
फायर विभाग को ऊपरी मंजिलों पर फंसे लोगों तक पहुंचने में रातभर मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 32 मंज़िला टावरों में घना धुआं और तेज लपटें उठती दिखीं। गुरुवार सुबह तक चार ब्लॉकों में आग पर काबू पा लिया गया, जबकि तीन में अभियान जारी है। हांगकांग पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मरने वालों में एक फायरफाइटर भी शामिल है और 45 लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। यह 1948 के बाद शहर में हुई सबसे भयावह आग है, जो 1996 में कॉव्लून की एक इमारत में लगी आग से भी अधिक घातक साबित हुई है। घटना की तुलना 2017 के ग्रेनफ़ेल टावर हादसे से की जा रही है।
पुलिस ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए निर्माण कंपनी के दो निदेशकों और एक इंजीनियरिंग कंसल्टेंट को गैर-इरादतन हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया है। हांगकांग के नेता जॉन ली ने कहा कि फिलहाल प्राथमिकता आग को पूरी तरह बुझाने, फंसे लोगों को बचाने और घायलों को उपचार दिलाने की है। उन्होंने यह भी बताया कि करीब 279 लोगों से संपर्क नहीं हो पाया है, जबकि लगभग 900 लोग राहत शिविरों में ठहरे हुए हैं।
घटना स्थल पर मौजूद 71 वर्षीय एक व्यक्ति, वोंग, अपनी पत्नी के अंदर फंसे होने की बात कहते हुए भावुक हो उठे। हादसे ने पूरे हांगकांग को झकझोर दिया है, जबकि जांच टीम यह पता लगाने में जुटी है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी कैसे इतनी बड़ी त्रासदी का कारण बनी।