Bihar Crime: 27 करोड़ के बकाएदारों पर अब चलेगा प्रशासन का डंडा, 140 चिमनी संचालकों पर गिरफ्तारी वारंट, कुर्की-नीलामी की तैयारी शुरु
Bihar Crime: वर्षों से सरकारी खजाने के करोड़ों रुपये दबाकर बैठे चिमनी संचालकों पर आखिरकार प्रशासन का शिकंजा कस गया है।...
Bihar Crime: वर्षों से सरकारी खजाने के करोड़ों रुपये दबाकर बैठे चिमनी संचालकों पर आखिरकार प्रशासन का शिकंजा कस गया है। करीब 27 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया को लेकर मोतीहारी जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए 140 बड़े बकायेदार चिमनी संचालकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और कुर्की की कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। इस बड़ी कार्रवाई से जिले भर के चिमनी संचालकों में हड़कंप मच गया है।
जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी की ओर से जारी निर्देश के बाद स्पष्ट कर दिया गया है कि अब बकाया वसूली में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। वर्षों से चिमनी चलाकर ईंट बेचने और मुनाफा कमाने वाले संचालक, जब सरकार को देय राशि चुकाने की बारी आती है तो आनाकानी करने लगते हैं। कई चिमनियां बंद भी हो चुकी हैं, लेकिन सरकार का पैसा आज तक वापस नहीं किया गया। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि बंद चिमनियों के संचालकों से भी बकाया राशि वसूली जाएगी।
आंकड़ों के मुताबिक, पूर्वी चंपारण जिले में चिमनी संचालकों पर कुल 27 करोड़ 21 लाख 26 हजार 270 रुपये की सरकारी राशि बकाया है। यह रकम खनन शुल्क, रॉयल्टी और अन्य देयों के रूप में लंबे समय से लंबित है। बावजूद इसके, चिमनी संचालक वर्षों से इस राशि पर कुंडली मारकर बैठे रहे।
नीलाम पत्र पदाधिकारी अवधेश कुमार श्रीवास्तव ने हठी और जिद्दी रवैया अपनाने वाले 140 चिमनी संचालकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निर्गत कर दिया है। साथ ही फरार रहने की स्थिति में उनकी चल-अचल संपत्ति की कुर्की और नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। प्रशासन का साफ संदेश है—या तो बकाया राशि सूद समेत जमा करें, या फिर जेल जाने के लिए तैयार रहें।
नीलाम पत्र पदाधिकारी ने चिमनी संचालकों को आखिरी चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि वे गिरफ्तारी और जेल की कार्रवाई से बचना चाहते हैं, तो तत्काल जिला खनन कार्यालय में जाकर अपनी पूरी बकाया राशि ब्याज समेत जमा करें। इसके बाद बकाया रहित प्रमाण पत्र लेकर नीलाम पत्र कार्यालय में अविलंब जमा करें। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई से राहत मिल सकती है।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन चिमनी संचालकों की मृत्यु हो चुकी है, उनसे भी सरकारी राशि छोड़ी नहीं जाएगी। बिहार पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट के तहत यह बकाया उनके उत्तराधिकारियों से वसूला जाएगा। जरूरत पड़ने पर जमीन-जायदाद जब्त कर नीलामी के जरिए सरकार की एक-एक पाई वसूल की जाएगी।
मोतीहारी में यह कार्रवाई साफ संकेत है कि अब सरकारी बकाया दबाकर बैठने वालों की खैर नहीं। प्रशासन ने कमर कस ली है और आने वाले दिनों में यह शिकंजा और कसने वाला है।
रिपोर्ट- हिमांशु कुमार