EOU Raid: EOU की छापेमारी से खुला राज, लेखपाल की संपत्ति देख उड़ गए होश, गर्लफ्रेंड का कनेक्शन भी आया सामने
राज्य खाद्य निगम के लेखापाल राजेश कुमार के ठिकानों पर छापेमारी से 'ऑल इन वन' रुतबे और एक 'गर्लफ्रेंड' की भी जोरदार चर्चा हो रही है...

EOU Raid: बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई जारी है. शुक्रवार सुबह मोतिहारी में जैसे ही आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने राज्य खाद्य निगम के लेखापाल राजेश कुमार के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की, जिले भर में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि राजेश कुमार ने आय से 201.94 फीसदी अधिक संपत्ति अर्जित की है, और इस छापेमारी के साथ ही उनके 'ऑल इन वन' रुतबे और एक 'गर्लफ्रेंड' की भी जोरदार चर्चा हो रही है.
आर्थिक अपराध इकाई की टीमें राजेश कुमार के मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, वैशाली और पटना स्थित कुल छह ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही हैं.मुजफ्फरपुर में भी उनके किराए के मकान जो काजी मोहम्मदपुर के प्रोफेसर कॉलोनी में स्थित है वहां सुबह से ही EOU की टीम रेड कर रही है. कार्यालय सूत्रों के अनुसार, राजेश कुमार साल 2021 से मोतिहारी में लेखापाल के पद पर कार्यरत हैं, और इससे पहले हाजीपुर में तैनात थे. मोतिहारी कार्यालय में उनका रुतबा ऐसा था कि उन्हें 'ऑल इन वन' कहा जाता था, यानी हर काम में उनकी चलती थी. उनके 'दोनों हाथों से माल बटोरने' की भी खूब चर्चा है. इसके साथ ही, बिहार के एक अन्य जिले में कार्यरत उनकी एक गर्लफ्रेंड की भी बातें जोरों पर हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
आर्थिक अपराध इकाई ने कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त करने के बाद यह कार्रवाई की है. जांच में पाया गया है कि राजेश कुमार ने अपने ज्ञात वैध आय स्रोतों से कहीं अधिक संपत्ति जुटाई है. छापेमारी के दायरे में उनके आवास, पैतृक घर, रिश्तेदारों के ठिकाने और कुछ अन्य संदिग्ध संपत्तियां शामिल हैं. EOU के अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और संदिग्ध लेन-देन से संबंधित कागजात बरामद हुए हैं. राजेश कुमार मूल रूप से मुजफ्फरपुर के निवासी बताए जा रहे हैं.
आर्थिक अपराध इकाई की प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि राजेश कुमार ने नकद लेन-देन, अचल संपत्ति में निवेश और कई फर्जी खातों के माध्यम से काले धन को सफेद करने की कोशिश की है. उनके कुछ करीबी रिश्तेदारों के नाम पर भी संपत्तियां मिली हैं, जिनकी गहनता से जांच की जा रही है.
आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों के अनुसार, तलाशी अभियान अभी भी जारी है. संपत्ति और दस्तावेजों की विस्तृत जांच के बाद ही संपत्ति का सटीक मूल्यांकन और पूरी जानकारी साझा की जाएगी. आर्थिक अपराध इकाई अब जब्त दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण करेगी ताकि राजेश कुमार की संपत्ति के वास्तविक स्रोतों का पता लगाया जा सके. यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम और अन्य भ्रष्टाचार विरोधी धाराओं में भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.
रिपोर्ट- हिमांश कुमार