Bihar Crime: साइबर ठगी का जाल, नौकरी की आस में युवक हो गया कंगाल, अब साइबर थाने में गुहार

Bihar Crime: नौकरी का झांसा देकर ठगों ने युवक के सपनों को चकनाचूर कर दिया, और अब वह साइबर थाने के चक्कर काट रहा है।

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साइबर ठगी का जाल- फोटो : reporter

Bihar Crime:  साइबर ठगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब वे सरकारी विभागों के ‘बड़े बाबू’ बनकर लोगों की जिंदगी की कमाई लूट रहे हैं। मुंगेर के वासुदेवपुर निवासी एक युवक इस ठगी का ताजा शिकार बना, जिसके खाते से साइबर अपराधियों ने 2 लाख 47 हजार रुपये उड़ा लिए। नौकरी का झांसा देकर ठगों ने युवक के सपनों को चकनाचूर कर दिया, और अब वह साइबर थाने के चक्कर काट रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है, लेकिन सवाल यह है—क्या इस युवक को उसकी मेहनत की कमाई वापस मिल पाएगी, या यह बस एक और ‘साइबर ड्रामा’ बनकर रह जाएगा?

वासुदेवपुर के इस युवक की कहानी हर उस बेरोजगार की तरह शुरू हुई, जो सरकारी नौकरी के लिए दिन-रात मेहनत करता है। बिहार पंचायती राज विभाग में ग्राम कचहरी के पद पर उसका नाम मेरिट लिस्ट में आया था। खुशी से लबरेज युवक का सपना तब टूटने लगा, जब मेरिट लिस्ट जारी होने के 15 दिन बाद उसके पास एक प्राइवेट नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पंचायती राज विभाग का ‘बड़ा बाबू’ बताया और दावा किया कि वह मेरिट लिस्ट वाले अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन करेगा। 

पैसा ट्रांसफर करने के एक महीने बाद भी जब जॉइनिंग लेटर का कोई अता-पता नहीं चला, तो युवक को ठगी का शक हुआ। उसने तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज की। साइबर थानाध्यक्ष शिया भारती ने बताया कि मामले में कांड संख्या 8/25 दर्ज कर लिया गया है। टेक्निकल जांच में ठग का मोबाइल लोकेशन नवादा का मिला है, और पुलिस छानबीन में जुटी है। लेकिन स्थानीय लोग तंज कस रहे हैं, “लोकेशन तो मिल गया, लेकिन पैसा और ठग कब मिलेंगे?”

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यह मामला बिहार में साइबर ठगी के बढ़ते खतरे की एक और मिसाल है। साइबर अपराधी अब सरकारी नौकरी के लालच का इस्तेमाल करके लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। फर्जी ईमेल, व्हाट्सएप मैसेज, और सरकारी अधिकारी बनकर कॉल करना इनका नया हथियार है। बिहार में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रभात खबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 19 महीनों में अकेले एक जिले में साइबर ठगों ने 3 करोड़ 33 लाख रुपये की ठगी की है।

मुंगेर में भी यह कोई पहला मामला नहीं है। ठग अब फर्जी वेबसाइट, जाली बिल, और सरकारी विभागों की नकली आईडी बनाकर लोगों को लूट रहे हैं। इस मामले में ठग ने पंचायती राज विभाग की फर्जी ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया, जो देखने में बिल्कुल असली लगती थी। लेकिन अगर युवक ने पहले इसकी जांच की होती, तो शायद उसकी मेहनत की कमाई बच सकती थी।

साइबर थानाध्यक्ष शिया भारती ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल या मेल पर तुरंत भरोसा न करें। उन्होंने कहा, “पहले कॉल करने वाले की सत्यता जांचें। सरकारी विभाग कभी फोन पर पैसे नहीं मांगते।” पुलिस ने टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दिया है, और नवादा में ठग के लोकेशन का पता चला है। लेकिन साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी आसान नहीं होती।

रिपोर्ट- मो. इम्तियाज खान