Bihar Crime: मुखिया समेत चार पर सरकारी राशि के गबन का संगीन मुकदमा दर्ज, पंचायत में घोटाले की परतें उजागर

Bihar Crime: बिहार में पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं की बंदरबांट का एक और बड़ा मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक व्यवस्था की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Muzaffarpur Serious Case Filed Against Sarpanch
मुखिया समेत चार पर सरकारी राशि के गबन का संगीन मुकदमा दर्ज- फोटो : reporter

Bihar Crime: बिहार में  पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं की बंदरबांट का एक और बड़ा मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक व्यवस्था की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड की भरथूआ पंचायत में सरकारी राशि के गबन को लेकर मुखिया समेत चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। यह कार्रवाई स्वयं प्रखंड विकास पदाधिकारी की ओर से की गई है, जिससे मामला और भी संगीन हो गया है।

औराई प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी रजनीश शंकर झा ने भरथूआ पंचायत की मुखिया पुष्पा भारती, तत्कालीन पंचायत सचिव नारायण ठाकुर, तत्कालीन सहायक सुनील कुमार और तत्कालीन लेखापाल मनौअर हसन के विरुद्ध सरकारी राशि के गबन का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। यह मामला मुशहरी प्रखंड के बड़ा जगरनाथ निवासी शाकिंदर कुमार यादव द्वारा दायर परिवाद के बाद उजागर हुआ।

परिवाद के आलोक में जिला पंचायत राज पदाधिकारी, मुजफ्फरपुर द्वारा स्थल निरीक्षण और अभिलेखों की गहन जांच कराई गई। जांच के दौरान चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि सरकारी राशि की निकासी के नौ महीने बाद भी स्थल पर किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं कराया गया था। यह स्थिति न केवल सरकारी धन के दुरुपयोग, बल्कि गबन की स्पष्ट मंशा को दर्शाती है।

जांच रिपोर्ट के अनुसार औराई प्रखंड के ग्राम पंचायत राज भरथूआ में योजना संख्या 5/2022-23 के तहत वार्ड संख्या चार में छठ घाट निर्माण की योजना संचालित की गई थी। इस योजना के लिए 19 लाख 50 हजार 624 रुपये स्वीकृत किए गए थे। तत्कालीन पंचायत सचिव नारायण ठाकुर को इस योजना का अभिकर्ता नियुक्त किया गया था। अभिलेखों से यह भी सामने आया कि नौ माह पूर्व ही 9 लाख 34 हजार 579 रुपये की राशि निकाल ली गई, जबकि धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ। इतना ही नहीं, बिना भुगतान आदेश के ही तत्कालीन लेखापाल और आईटी सहायक द्वारा राशि का भुगतान कर दिया गया, जो गंभीर वित्तीय अनियमितता की ओर इशारा करता है।

तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त और जिला पंचायत राज पदाधिकारी के आदेश पर मुखिया समेत सभी आरोपियों के खिलाफ अवैध रूप से सरकारी राशि की निकासी और गबन का मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, पूरे प्रकरण को लेकर जब औराई थाना अध्यक्ष राजा सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनसे बात नहीं हो सकी। अब देखना यह है कि इस पंचायत घोटाले में आगे जांच किस दिशा में जाती है और दोषियों पर कब तक कार्रवाई होती है।

रिपोर्टर- मनी भूषण शर्मा