Bihar crime: बिहार में वंदे भारत पर पत्थरबाजों का हमला, कोच बने निशाना, यात्री डरे-सहमे, रील की सनक में वंदे संगीन हमला

Bihar crime:बिहार में कानून-व्यवस्था को ठेंगा दिखाने वाली एक सनसनीखेज वारदात सामने आई, जब देश की प्रतिष्ठित वंदे भारत एक्सप्रेस को निशाना बनाया गया।

Stone Pelting on Vande Bharat Express in Muzaffarpur
बिहार में वंदे भारत पर पत्थरबाजों का हमला! - फोटो : reporter

Bihar crime:बिहार में कानून-व्यवस्था को ठेंगा दिखाने वाली एक सनसनीखेज वारदात सामने आई, जब देश की प्रतिष्ठित वंदे भारत एक्सप्रेस को निशाना बनाया गया। मुजफ्फरपुर के कपरपुरा और मुजफ्फरपुर जंक्शन के बीच रेलवे ट्रैक के आसपास रील बनाने की सनक में डूबे कुछ किशोरों ने ऐसी हरकत कर डाली, जिसने न सिर्फ यात्रियों की जान को खतरे में डाला, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों की पेशानी पर भी बल डाल दिया। शुरुआती तफ्तीश में सामने आया है कि जलावन चुनने के बहाने निकले किशोरों ने मोबाइल कैमरा ऑन किया, फिर शोहरत की भूख में पत्थर उछाल दिए।

अपराध की इस बेशर्मी भरी हरकत में वंदे भारत एक्सप्रेस की तीन बोगियों के शीशे आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, वरना नतीजे खौफनाक हो सकते थे। वारदात के वक्त ट्रेन पूरी रफ्तार में थी, ऐसे में पत्थरबाजी को महज शरारत नहीं, बल्कि संगीन जुर्म माना जा रहा है। यात्रियों में दहशत फैल गई, अफरा-तफरी का माहौल बन गया और रेलवे सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए।

घटना की भनक लगते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) हरकत में आया। इलाके की घेराबंदी कर त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों किशोरों को दबोच लिया गया। पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि वे रील बनाने के लिए वीडियो शूट कर रहे थे और उसी दौरान पत्थर फेंके गए। कानून की नजर में यह हरकत महज नादानी नहीं, बल्कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का मामला है।

RPF ने आवश्यक कानूनी कार्रवाई के बाद तीनों किशोरों को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया, जहां आगे की प्रक्रिया जारी है। जांच एजेंसियां यह भी खंगाल रही हैं कि कहीं इस हरकत के पीछे सोशल मीडिया पर वायरल होने की साजिश तो नहीं थी। यह घटना एक बार फिर बताती है कि रील की दीवानगी किस तरह अपराध की राह पर धकेल रही है, जहां कुछ सेकेंड की वाहवाही के लिए कानून, इंसानियत और सुरक्षा तीनों को दांव पर लगा दिया जाता है।

रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा