पेपर लीक गैंग का सरगना चढ़ा पुलिस के हत्थे, खुसरूपुर का नीतीश निकला मास्टरमाइंड, CBI–EOU की दबिश में गिरफ्तारी, माफिया नेटवर्क में मची खलबली

Bihar paper leak:Bihar paper leak: ओडिशा दारोगा बहाली प्रश्नपत्र लीक कांड में कानून के शिकंजे ने आखिरकार उस शख्स को दबोच लिया, जो परदे के पीछे से पूरे ‘खेल’ की स्क्रिप्ट लिख रहा था...

Paper Leak Gang Kingpin Nabbed Patna
पेपर लीक गैंग का सरगना चढ़ा पुलिस के हत्थे- फोटो : social Media

Bihar paper leak: ओडिशा दारोगा बहाली प्रश्नपत्र लीक कांड में कानून के शिकंजे ने आखिरकार उस शख्स को दबोच लिया, जो परदे के पीछे से पूरे ‘खेल’ की स्क्रिप्ट लिख रहा था। CBI की टीम ने EOU के सहयोग से खुसरूपुर निवासी नीतीश कुमार को धर दबोचा। नीतीश वही नाम है, जो पूछताछ में पहले से सलाखों के पीछे बंद परीक्षा माफिया सरगना शंकर पुष्टि की जुबान से उछला था। गिरफ्तारी के बाद से ही खुफिया गलियारों में खलबली है और अंदेशा जताया जा रहा है कि इस संगठित गिरोह में बिहार के कई और ‘खिलाड़ी’ बेनकाब हो सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ही इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड था, जो अभ्यर्थियों को ‘सेटिंग’ के भरोसे बसों में भरकर आंध्र प्रदेश की ओर ले जा रहा था। पहले भी एक बार पुलिस ने उसे दबोचने की कोशिश की थी, लेकिन वह हाथ झटक कर फरार हो गया था। इस बार CBI–EOU की संयुक्त टीम ने लोकेशन ट्रैक कर खुसरूपुर में दबिश दी और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल उससे गहन पूछताछ जारी है, ताकि पूरे नेटवर्क की परतें उधेड़ी जा सकें।

बताया जाता है कि ओडिशा पुलिस रिक्रूटमेंट बोर्ड की ओर से दारोगा बहाली के लिए पांच और छह अक्तूबर को लिखित परीक्षा तय थी। इसी बीच परीक्षा माफिया रवि भूषण और बिजेंद्र कुमार ने शंकर पुष्टि के साथ मिलकर ‘डील’ फाइनल की। तीन अक्तूबर को बस बुक की गई, अभ्यर्थियों को बैठाया गया और उन्हें सीमा पार कराने की साजिश रची गई। लेकिन ओडिशा पुलिस ने वक्त रहते इस नापाक मंसूबे पर पानी फेर दिया और 117 लोगों को धर लिया।

जांच एजेंसियों का मानना है कि यह सिर्फ एक कड़ी है, पूरी जंजीर अभी खुलनी बाकी है। नीतीश की गिरफ्तारी के बाद माफिया गिरोह में हड़कंप है, कई चेहरे बेनकाब होने के कगार पर हैं। अब सवाल यह है कि इस ‘धंधे’ में और कौन-कौन शामिल है और किस स्तर तक पहुंच है। जवाब नीतीश की जुबान और CBI की फाइलों में छुपा है।