School of Pharmacy and Nursing: बिहार में फार्मेसी और नर्सिंग स्कूलों के संचालकों पर गंभीर आरोप लगे हैं। इन संचालकों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर करके मान्यता प्राप्त करने का प्रयास किया। यह मामला तब सामने आया जब बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने जक्कनपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।संचालकों ने अपने लेटरहेड पर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक और सचिव के फर्जी हस्ताक्षर किए और इसके साथ एनओसी लगाकर संबंधित विभाग को प्रस्तुत किया। इस प्रकार, उन्होंने बिना उचित प्रक्रिया के अपनी संस्थाओं की मान्यता प्राप्त करने की कोशिश की।
जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू की, तो उन्हें पता चला कि कई संस्थानों द्वारा फर्जी कागजात का इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद, बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने केस दर्ज कराने का निर्णय लिया। विवि के कुलसचिव विमलेश कुमार झा ने जक्कनपुर थाने में औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई।
इस मामले में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, दुल्हिन बाजार, एक्जॉल्ट कॉलेज ऑफ फार्मेसी, हाजीपुर, लालती देवी कॉलेज ऑफ फार्मेसी, गौरीचक,प्रतीक कॉलेज ऑफ एजुकेशन, सीवान, प्रभु कैलाश कॉलेज ऑफ फार्मेसी, औरंगाबाद, चंपारण इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च, पूर्वी चंपारण, मिथिलांचल एएनएम ट्रेनिंग स्कूल, मधुबनी, चित्रा एएनएम ट्रेनिंग स्कूल, दरभंगा, मां भवानी एएनएम ट्रेनिंग स्कूल, मधुबनी, रिद्धि सिद्धि एएनएम ट्रेनिंग स्कूल, मधुबनी
पर केस दर्ज किया गया है।
पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी नामजद आरोपियों के ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर सहित अन्य फर्जी दस्तावेज भी जब्त किए हैं। पुलिस अब विवि से सभी संबंधित कागजात लेने में जुटी है ताकि आगे की जांच की जा सके। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो फर्जीवाड़ा करने वाले संचालकों की गिरफ्तारी भी संभव है।