Bihar Crime: AK-47, इंसास और करोड़ों की जमीन, ASI सरोज सिंह पीछे कौन है, नेटवर्क की तलाश शुरु

Bihar Crime: निलंबित एएसआई सरोज सिंह, जिसे AK-47 और इंसास राइफल जैसे हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया था, अब एक के बाद एक परतों में फंसता चला जा रहा है।

ASI Saroj Singh
AK-47, इंसास और करोड़ों की जमीन- फोटो : Hiresh Kumar

Bihar Crime:वर्दी की आड़ में एक बड़ा खेल चल रहा था। लेकिन अब पर्दाफाश हो चुका है।निलंबित एएसआई सरोज सिंह, जिसे AK-47 और इंसास राइफल जैसे हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया था, अब एक के बाद एक परतों में फंसता चला जा रहा है। पुलिस की मानें तो यह मामला सिर्फ़ हथियार रखने का नहीं, बल्कि काले खेल, फर्जी दस्तावेज, जाली मुहरों और अघोषित करोड़ों की संपत्ति के साम्राज्य से जुड़ा है।

चार करोड़ की ज़मीन… और डेढ़ दर्जन जाली मुहरें!

सरोज सिंह के पटना और समस्तीपुर में बने ठिकानों से पुलिस ने करीब चार करोड़ की जमीन के कागजात बरामद किए हैं। साथ ही 18 से अधिक जाली मुहरें भी मिली हैं, जिससे शक गहराया है कि यह सब सिर्फ़ चोरी-छिपे कमाई नहीं, बल्कि एक संगठित रैकेट का हिस्सा है।

ईओयू, एसटीएफ और कई एजेंसियां लगीं पीछा करने में

पुलिस ने आर्थिक अपराध इकाई (EOU) समेत अन्य जांच एजेंसियों की मदद लेने की तैयारी कर ली है। अब मामला आय से अधिक संपत्ति और अंतरराज्यीय निवेश के एंगल से भी खंगाला जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, सरोज और उसके करीबियों के पास से बिहार के बाहर भी जमीन-जायदाद के दस्तावेज मिले हैं।

हथियारों का जखीरा या तस्करी का अड्डा?

हथियारों की इतनी बड़ी खेप किसी आम एएसआई के पास नहीं हो सकती। पुलिस को शक है कि सरोज हथियार तस्करी के नेटवर्क से जुड़ा रहा है। उसके पास AK-47 और इंसास जैसे सुरक्षा बलों के इस्तेमाल वाले हथियार आखिर कैसे पहुंचे, इसकी जांच तेज़ कर दी गई है।

फोन, लैपटॉप की एफएसएल जांच… कड़ियों की तलाश जारी

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस अब डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच भी करवा रही है। उसके कॉल डिटेल्स, चैट्स और लोकेशन डेटा से संभावित नेटवर्क की तलाश हो रही है।

पुराने जिलों से भी खंगाला जा रहा अतीत

जिन-जिन जिलों में सरोज सिंह की पोस्टिंग रही, वहां से उसकी कार्यशैली, संदिग्ध संपर्कों और संदिग्ध गतिविधियों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।

अंदर की बात

वर्दी की ओट में सालों से चल रहा था यह गोरखधंधा। अब सवाल सिर्फ़ इतना नहीं कि सरोज सिंह के पास हथियार कहां से आए, सवाल ये है – वो अकेला नहीं था... तो उसके पीछे कौन है?