Bihar Crime: SP की कार्रवाई से हिला थाना, थानेदार पर गिरी गाज ,क्या यही है अपराधी? या कोई और है किरदार? राज खुलने का इंतजार
Bihar Crime: डेटा ऑपरेटर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है।

Bihar Crime:पूर्णिया के सरसी थाना में पदस्थापित डेटा ऑपरेटर ललित कुमार दास की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में पुलिस को कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं, जिससे इस रहस्य पर से पर्दा उठने की उम्मीद प्रबल हो गई है। यह घटना हत्या है अथवा आत्महत्या, इस गुत्थी के शीघ्र सुलझने की संभावना है। इस संवेदनशील मामले में पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष मनीष चंद्र यादव को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। यह कार्रवाई स्वजनों के गंभीर आरोपों के आधार पर की गई है। स्वजनों ने पुलिस अधीक्षक को दिए अपने आवेदन में सीधे तौर पर यह आरोप लगाया है कि थानाध्यक्ष तथा एसआई आयुष राज ने ऑपरेटर की हत्या की है। इसी आरोप के बाद अत्यधिक बवाल भी मचा था। ऐसे में पुलिस ने इस मामले को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है और इसकी सघन जाँच लगातार जारी है।
अब तक की जाँच से यह भी स्पष्ट हो गया है कि ऑपरेटर की मृत्यु 30 मई की रात को ही हो चुकी थी।पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ऑपरेटर के जब्त किए गए मोबाइल के साथ-साथ अन्य कई साक्ष्यों ने पुलिस को इस मामले में अहम दिशा प्रदान की है।
बता दे कि विगत डेढ़ वर्षों से सरसी थाना में डेटा ऑपरेटर के पद पर कार्यरत ललित कुमार दास का शव 31 मई की रात्रि को थाना से कुछ ही दूरी पर स्थित कोसी प्रोजेक्ट के एक सरकारी क्वार्टर से बरामद किया गया था। उनका शव फंदे से लटकता पाया गया था, और उनके शरीर पर कई गहरे चोट के निशान भी मौजूद थे। स्वजनों ने इसे स्पष्ट रूप से हत्या का मामला बताते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया था।