गाँव बना चोरी की पाठशाला: पेशा है चोरी, जुनून है तस्करी, चोरी होकर बांग्लादेश पहुँच रहे हैं आपके कीमती मोबाइल

पूरे गांव की आजीविका का मुख्य साधन मोबाइल चोरी ही है। उनके अनुसार, चोरी करना वहां एक पेशा बन चुका है और गांव के लोग इसी के जरिए अपना जीवन यापन करते हैं। इस आपराधिक कार्य के लिए बाकायदा ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) दी जाती है

गाँव बना चोरी की पाठशाला: पेशा है चोरी, जुनून है तस्करी, चोर
चोरी की पाठशाला: पेशा है चोरी, जुनून है तस्करी, चोरी होकर बांग्लादेश पहुँच रहे हैं आपके कीमती मोबाइल- फोटो : NEWS 4 NATION AI

पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है कि झारखंड के साहिबगंज जिले स्थित उनके पूरे गांव की आजीविका का मुख्य साधन मोबाइल चोरी ही है। जयपुर पुलिस के अनुसार, चोरी करना वहां एक पेशा बन चुका है और गांव के लोग इसी के जरिए अपना जीवन यापन करते हैं। इस आपराधिक कार्य के लिए बाकायदा ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) दी जाती है, जहाँ से हुनर सीखकर गैंग के सदस्य देश के विभिन्न शहरों में मोबाइल स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम देते हैं。

नाबालिगों का उपयोग और पुलिसिया कार्रवाई

इस गिरोह की सुनियोजित साजिश के तहत नाबालिग बच्चों को भी शामिल किया जाता है और उन्हें मोबाइल चोरी करने की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। हालिया कार्रवाई में पुलिस ने साहिबगंज के तालझारी थाना क्षेत्र के रहने वाले सूरज महतो और शेख सोबराती को गिरफ्तार किया है, जबकि एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है। इनके कब्जे से लगभग 22 लाख रुपये मूल्य के 31 चोरी के मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

झारखंड के रास्ते बांग्लादेश कनेक्शन

जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इस गिरोह के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश से जुड़े हुए हैं। गिरोह के सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों से मोबाइल चोरी करने के बाद उन्हें झारखंड और पश्चिम बंगाल के रास्तों से तस्करी कर बांग्लादेश भेज देते हैं। इससे पहले भी साहिबगंज के तीन पहाड़ क्षेत्र से ऐसे ही एक गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था, जिनके पास से भारी मात्रा में चोरी के मोबाइल फोन बरामद हुए थे और उन्होंने भी मोबाइल बांग्लादेश भेजने की बात स्वीकार की थी।