NEW DEHLI - हरियाणा और जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की बुरी हालत के बाद अब उनकी सहयोगी पार्टियों ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी है। जिसकी शुरूआत महाराष्ट्र में उद्धव गुट ने की, जहां गुट के नेताओं हरियाणा में कांग्रेस की हार पर जमकर चुटकी ली। वहीं अब नई दिल्ली में अगले साल होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह यहां कोई गठबंधन नहीं करेगा। आप ने कहा कि वह नई दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेगी।
आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने बुधवार को कहा कि पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। कक्कड़ ने कहा, 'हम दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे। एक तरफ अति आत्मविश्वासी कांग्रेस है और दूसरी तरफ अहंकारी भारतीय जनता पार्टी। हम अपना सिर झुकाकर रखेंगे और पिछले 10 सालों में किए अपने काम को खुद बोलने देंगे। हम कड़ी मेहनत करेंगे।
कक्कड़ के बयान कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है क्योंकि 2013 से उसका कोई नेता दिल्ली विधानसभा नहीं पहुंचा है। हरियाणा चुनाव को लेकर कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत हुई थी जिसका कोई परिणाम नहीं निकला था।
इससे पहले, आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा चुनाव के नतीजों से मिली 'सबसे बड़ी सीख' यह है कि कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए कड़ी मेहनत करने का अनुरोध किया।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस ने साथ में चुनाव लड़ा था। जिसके बाद यह अनुमान जताया जा रहा था कि विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियां एक साथ आ सकती है। पिछले कुछ समय से इसके संकेत भी मिल रहे थे। लेकिन हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनाव परिणाम ने स्थिति बदल दी है। हरियाणा में माहौल अपने पक्ष में होते हुए भी कांग्रेस भाजपा को हराने में नाकाम रही। वहीं जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन के कारण वह सरकार बनाने जा रही है। यहां कांग्रेस 30 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही थी, लेकिन सिर्फ छह पर जीत हासिल हुई।