8वां वेतन आयोग - बेसिक सैलरी और पेंशन में मर्ज होगा महंगाई भत्ता, सरकार ने संसद में दी बड़ी खुशखबरी
New Delhi - देश के लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख से अधिक पेंशनभोगियों की निगाहें 8वें वेतन आयोग पर टिकी हैं। केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में इसकी घोषणा की थी और अब आयोग का गठन भी कर दिया गया है। चूंकि 7वें वेतन आयोग का 10 साल का कार्यकाल 2025 में समाप्त हो रहा है, ऐसी संभावना है कि 1 जनवरी 2026 से नया वेतन ढांचा (Salary Structure) लागू हो सकता है। हालांकि, आयोग की सिफारिशें आने और उन्हें लागू करने में थोड़ा अतिरिक्त समय लग सकता है।

डीए और डीआर के विलय पर था संशय
पिछले कुछ महीनों से प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर थी कि 8वें वेतन आयोग में बड़ा बदलाव किया जा सकता है। कयास लगाए जा रहे थे कि मूल वेतन (Basic Pay) में ही महंगाई भत्ता (DA) मर्ज कर दिया जाएगा। ठीक इसी तरह, पेंशनभोगियों और उनके संघों को भी यह चिंता सता रही थी कि क्या उनकी महंगाई राहत (DR) को मूल पेंशन में मिला दिया जाएगा? इस अनिश्चितता ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच कई सवाल खड़े कर दिए थे।
सरकार ने संसद में साफ की स्थिति

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही केंद्र सरकार ने इस असमंजस को पूरी तरह दूर कर दिया है। लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 8वें वेतन आयोग से जुड़े सवालों का लिखित जवाब देते हुए स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि पेंशनभोगियों की बेसिक पेंशन में महंगाई राहत (DR) को मर्ज करने का कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। यानी, जैसे कर्मचारियों का डीए मर्ज नहीं होगा, वैसे ही पेंशनर्स का डीआर भी मर्ज नहीं किया जाएगा।
पुरानी व्यवस्था ही रहेगी लागू
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री के जवाब ने आधिकारिक तौर पर यह साफ कर दिया है कि महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की मौजूदा व्यवस्था भविष्य में भी जारी रहेगी। सरकार इसे खत्म नहीं करने वाली है। केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन के साथ डीए और पेंशनभोगियों को पेंशन के साथ डीआर का भुगतान पहले की तरह अलग से ही मिलता रहेगा। यह स्पष्टीकरण उन लाखों लोगों के लिए राहत की खबर है जो नियमों में बदलाव की आशंका से घिरे थे।
मौजूदा दरें और आयोग का भविष्य
वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए DA और DR की दर 55% है। हाल ही में अक्टूबर महीने में दिवाली से पहले सरकार ने इसमें 3% की बढ़ोतरी की थी। बता दें कि वेतन आयोग का कार्यकाल सामान्यतः 10 साल का होता है। चूंकि 7वां वेतन आयोग अपनी समयसीमा पूरी कर रहा है, इसलिए सरकार ने 8वें आयोग का गठन कर दिया है। अब आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा, जिसके आधार पर ही भविष्य का वेतन और पेंशन तय होगी।