रेलवे ने सिर्फ 120 दिनों में खड़ा कर दिया हाईटेक 'यात्री महल', भगदड़ का डर हमेशा के लिए खत्म"
भारतीय रेलवे ने बड़े स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए 'होल्डिंग एरिया' का एक क्रांतिकारी मॉडल विकसित किया है। दिल्ली में महज चार माह में तैयार इस क्षेत्र में वाई-फाई और ऑटोमैटिक टिकटिंग मशीनों जैसी सुविधाओं के साथ भगदड़ रोकने के पुख्ता इंतजाम किए गए
New Dehli - राजधानी दिल्ली में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए एक विशेष 'होल्डिंग एरिया' तैयार किया गया है। आश्चर्यजनक रूप से इस पूरे बुनियादी ढांचे को चार महीने से भी कम समय में बनाकर तैयार किया गया है। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य पीक सीजन और त्योहारों के दौरान रेलवे स्टेशनों पर होने वाली अनियंत्रित भीड़ को व्यवस्थित करना है, ताकि यात्रा सुगम और सुरक्षित हो सके।
तीन विशेष जोन में बंटा होगा यात्रियों का सफर
बेहतर आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए इस होल्डिंग एरिया को तीन अलग-अलग तकनीकी जोन में बांटा गया है— प्री-टिकटिंग, टिकटिंग और पोस्ट-टिकटिंग जोन। इस त्रि-स्तरीय व्यवस्था से यात्रियों का प्रवाह एक दिशा में बना रहता है, जिससे स्टेशन परिसर में अनावश्यक भीड़ जमा नहीं होती। यहाँ यात्रियों के लिए अत्याधुनिक टिकट मशीनें, मुफ्त वाई-फाई और साफ-सुथरे टायलेट्स की व्यवस्था भी की गई है।
'प्लेटफार्म नंबर 1' मॉडल से रुकेगी भगदड़
इस होल्डिंग एरिया को जान-बूझकर प्लेटफार्म नंबर एक के पास विकसित किया गया है। रेलवे का मुख्य उद्देश्य त्योहारी सीजन में चलने वाली सभी 'स्पेशल ट्रेनों' का संचालन इसी क्षेत्र के माध्यम से करना है। यहाँ यात्रियों को कतारबद्ध किया जाता है और फिर सीधे ट्रेन तक ले जाया जाता है। रेलवे प्रशासन का मानना है कि इस मॉडल से भगदड़ (Stampede) जैसी जानलेवा घटनाओं पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सकेगी।
देशभर में लागू होगा 'मॉड्यूलर डिजाइन'
दिल्ली की सफलता के बाद रेलवे अब देशभर के प्रमुख स्टेशनों पर इसी 'मॉड्यूलर डिजाइन' पर आधारित होल्डिंग एरिया बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इसे स्टेशन पर उपलब्ध खाली जगह और वहां आने वाले यात्रियों की औसत संख्या के अनुसार कस्टमाइज (कम या ज्यादा) किया जा सकेगा। हर केंद्र पर बैठने की पर्याप्त जगह, पीने का पानी और बुनियादी सुविधाओं का होना अनिवार्य किया गया है।
नियंत्रित प्रवेश से मजबूत होगा भीड़ प्रबंधन
नए मॉडल की सबसे बड़ी विशेषता इसकी 'नियंत्रित प्रवेश व्यवस्था' (Controlled Entry System) है। इसके तहत केवल उन्हीं यात्रियों को प्लेटफॉर्म की ओर जाने की अनुमति दी जाएगी जिनकी ट्रेन का समय निकट होगा। बाकी यात्री होल्डिंग एरिया में आराम से प्रतीक्षा कर सकेंगे। यह व्यवस्था न केवल यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएगी, बल्कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के लिए भी भीड़ को संभालना आसान कर देगी।