पूर्व अग्निवीरों के लिए नए साल का तोहफा: BSF में अब 50% सीटें आरक्षित, फिजिकल टेस्ट से भी मिली मुक्ति, नोटिफिकेशन जारी
गृह मंत्रालय ने पूर्व अग्निवीरों को बड़ी सौगात दी है। BSF में उनका कोटा 10% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया है। अब उन्हें फिजिकल टेस्ट भी नहीं देना होगा।
New Delhi - केंद्र सरकार ने नए साल के अवसर पर पूर्व अग्निवीरों को बड़ी सौगात दी है। गृह मंत्रालय (MHA) ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में कांस्टेबल भर्ती के लिए पूर्व अग्निवीरों का कोटा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर सीधे 50 प्रतिशत कर दिया है। सरकार का यह कदम देश सेवा कर चुके युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।
BSF भर्ती अधिनियम 1968 में किया गया बड़ा संशोधन
केंद्र सरकार ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स एक्ट, 1968 की शक्तियों का उपयोग करते हुए 'जनरल ड्यूटी कैडर भर्ती नियम 2015' में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। इन नए नियमों को 'बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स भर्ती (संशोधन) नियम, 2025' कहा जाएगा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, ये संशोधित नियम 18 दिसंबर 2024 से देशभर में प्रभावी रूप से लागू हो चुके हैं।
वैकेंसी का नया गणित: दो फेज में होगी भर्ती
नए नियमों के मुताबिक, BSF की कुल वैकेंसी में से 50% सीटें पूर्व अग्निवीरों के लिए होंगी, जबकि 10% पूर्व सैनिकों और 3% ट्रेड्समैन के लिए आरक्षित रहेंगी। भर्ती प्रक्रिया दो चरणों में होगी: पहले फेज में नोडल फोर्स द्वारा पूर्व अग्निवीरों की 50% सीटों पर भर्ती की जाएगी। दूसरे फेज में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) बाकी 47% सीटों (पूर्व सैनिकों सहित) और पहले फेज की खाली रह गई सीटों को भरेगा।
फिजिकल टेस्ट से मिलेगी पूरी छूट
पूर्व अग्निवीरों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि उन्हें फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (PST) और फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (PET) से पूरी तरह मुक्त रखा गया है। सरकार का तर्क है कि अग्निवीर पहले ही सेना में कठोर प्रशिक्षण और शारीरिक परीक्षाओं से गुजर चुके होते हैं, इसलिए उन्हें दोबारा फिजिकल टेस्ट देने की आवश्यकता नहीं है।
आयु सीमा और अन्य छूट का भी प्रावधान
आरक्षण और फिजिकल टेस्ट के अलावा, पूर्व अग्निवीरों को निर्धारित आयु सीमा में भी विशेष छूट दी जाएगी। महिलाओं के लिए वैकेंसी की संख्या हर साल जरूरत के आधार पर BSF के महानिदेशक द्वारा तय की जाएगी। इन संशोधनों का उद्देश्य पूर्व अग्निवीरों के सैन्य अनुभव का लाभ सीमा सुरक्षा बल को दिलाना और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करना है।