Supreme Court:सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने का मामला, मुख्य न्यायाधीश गवई पर हमला, वकील राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना की मांग

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।

Supreme Court:सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने का मामला, मुख्य

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर मुख्य न्यायाधीश  बी.आर. गवई पर जूता फेंकने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने वकील राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अपील की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी जानकारी दी कि एटॉर्नी जनरल की तरफ से अवमानना कार्यवाही के लिए सहमति दे दी गई है।

मामला 13 अक्टूबर की रात का है, जब किशोर ने कोर्ट परिसर में मुख्य न्यायाधीश   पर जूता फेंकने की कोशिश की थी। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बेंच से किशोर के खिलाफ केस सूचीबद्ध करने की अपील की। सिंह ने कहा, “इस घटना को ऐसे जाने नहीं दिया जा सकता। आरोपी को कोई पछतावा नहीं है।”

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा,मुख्य न्यायाधीश   ने उदारता दिखाई है। यह दिखाता है कि संस्थान ऐसे प्रभावित नहीं होता।” जस्टिस बागची ने कहा कि मामले को उठाने की जरूरत पर सोचना होगा, खासकर जब कोर्ट पहले ही काम के बोझ में है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया एल्गोरिद्म नफरत, जाति और गुस्सा जैसी चीजों को बढ़ावा देता है। “आज यह मुद्दा उठाने से किसी का आर्थिक फायदा होगा,” उन्होंने टिप्पणी की।

एसजी तुषार मेहता ने कहा कि सोशल मीडिया पर इस घटना का अनियंत्रित प्रचार किया जा रहा है। कुछ लोग इसे गौरव मान रहे हैं और कुछ इसकी बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं चल सकता। यह संस्थान के खिलाफ अपमानजनक है।” एडवोकेट सिंह ने कहा, “यह भगवान विष्णु का भी अपमान है।”

जस्टिस कांत ने कहा, “हमारा धर्म कभी हिंसा का प्रचार नहीं करता। सोशल मीडिया में हर चीज बिकने वाली हो जाती है।” जस्टिस बागची ने ब्लैंकेट आदेश के खिलाफ चेतावनी दी कि बहस बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश   ने इसे गैर जिम्मेदार नागरिक की हरकत बताकर नजरअंदाज किया है।