Delhi Blast: तुम्हें अपने शौहर से तलाक भी लेना पड़े, क्या तुम तैयार हो…? व्हाट्सऐप पर चलती थी आतंक की पढ़ाई, दिल्ली ब्लास्ट कांड में डॉ. शाहीन और प्रोफेसर परवेज की जेहादी पाठशाला बेनकाब

Delhi Blast: दिल्ली विस्फोट कांड की तफ्तीश में खुफ़िया एजेंसियों ने जो परतें उधेड़ी हैं, उसने आतंक की दुनिया में हलचल मचा दी है।...

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दिल्ली ब्लास्ट कांड में डॉ. शाहीन और प्रोफेसर परवेज की जेहादी पाठशाला बेनकाब- फोटो : social Media

Delhi Blast: दिल्ली विस्फोट कांड की तफ्तीश में खुफ़िया एजेंसियों ने जो परतें उधेड़ी हैं, उसने आतंक की दुनिया में हलचल मचा दी है। सरकारी एजेंसियों की पकड़ में आई डॉ. शाहीन और इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. परवेज आतंक की राह पर युवाओं को धकेलने के लिए एक संगठित ऑनलाइन मॉड्यूल चला रहे थे। यह पूरा गिरोह व्हाट्सऐप वीडियो कॉल के ज़रिये कट्टरता की पाठशाला चलाता था, जहां जेहाद, कुर्बानी और ग़लत फ़हमियों पर आधारित धार्मिक उग्रवाद का ज़हर युवाओं के दिलो-दिमाग़ में भरा जाता था।

डॉ. शाहीन इस पूरे नेटवर्क की महिला विंग की कमांडर बताई जा रही है। उसके इशारे पर युवा पुरुषों को बरगलाने का काम डॉ. आरिफ मीर और डॉ. परवेज संभालते थे। एजेंसियों के मुताबिक इस गिरोह में जमात से जुड़े कई लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। शाहीन ने अपने व्हाट्सऐप ग्रुप में प्रदेश और देश के अलग-अलग शहरों के 100 से अधिक लोगों को जोड़ रखा था, जिन्हें धीरे-धीरे उग्रवाद की तरफ मोड़ा जा रहा था।

वीडियो कॉल पर शाहीन युवाओं को कहती, जिसे तुम आतंक समझते हो, वह असल में अल्लाह का पैग़ाम है… उन्होंने तुम्हें इस नेक राह के लिए चुना है… कुर्बानी देनी पड़े तो पीछे मत हटना।

यही नहीं, महिलाओं को बरगलाने के लिए शाहीन उन्हें परिवार तक छोड़ने की बात करती, इस राह में तुम्हें अपने शौहर से तलाक भी लेना पड़े, क्या तुम तैयार हो…? जो महिला या पुरुष सहमति जताता, उसे गिरोह में शामिल कर लिया जाता और “अपनी बारी” का इंतज़ार करने को कहा जाता।

कानपुर का डॉ. आरिफ मीर और हापुड़ से गिरफ्तार फारुक अहमद भी इस नेटवर्क का अहम हिस्सा थे। इनके ज़रिये व्हाट्सऐप पर भड़काऊ बयानबाज़ी की जाती। कॉल खत्म होते ही ग्रुप में जेहादी नारे गूंजने लगते।

एजेंसियों के हाथ लगे मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में कई ऐसे वीडियो मिले हैं जिन्हें देखकर सुरक्षाबलों तक सन्न रह गए। ये वीडियो बेहद हिंसक, कुर्बानी से जुड़े, और डर पैदा कर देने वाले थे। कहा जा रहा है कि ये वीडियो उन्हें गिरोह के सरगना डॉ. उमर की तरफ़ से मिलते थे, जिनमें भारत को इस्लामिक देश बनाने की बातें कही जाती थीं और हर सदस्य को नए लोगों को जोड़ने का टारगेट दिया जाता था।

डॉ. परवेज युवाओं के साथ-साथ कई मौलानाओं को भी अपने जाल में फँसाता रहा। उन्हें दिल्ली, पश्चिम बंगाल, केरल और ओमान ले जाकर तकरीरें कराता, जहां कट्टरता और हिंसा का खुला प्रचार होता था। यूपी के सहारनपुर, बहराइच, संभल, बिजनौर और मुरादाबाद में भी ऐसी गुप्त बैठकें कराई गईं।

अब खुफ़िया एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क के हर सदस्य की तलाश में जुटी हैं। शुरुआती जांच बताती है कि यह महज़ एक आतंकी मॉड्यूल नहीं, बल्कि देश भर में फैला स्लीपर नेटवर्क था, जो ऑनलाइन कट्टरता के ज़रिये नए सदस्यों की भर्ती कर रहा था।