बिहार में 'जनादेश का अपहरण'? इसराइल मंसूरी ने बताया कहाँ हैं तेजस्वी, बोले- साजिशें रचने वाली बीजेपी के पास अपना कोई चेहरा नहीं!
बिहार की सियासत में तेजस्वी यादव की 'अनुपस्थिति' और जीतन राम मांझी के 'चुनाव मैनेजमेंट' वाले बयान ने सियासी पारे को गरमा दिया है। इस पर आरजेडी नेता इसराइल मंसूरी और वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है
New Delhi - बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति पर भाजपा लगातार सवाल उठा रही है। इस पर पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता इसराइल मंसूरी ने कहा कि तेजस्वी यादव कहीं गायब नहीं हुए हैं, वे एक विचारधारा हैं जो कभी खत्म नहीं होती। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी के निजी या पारिवारिक कारण हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे राजनीति से दूर हैं। मंसूरी ने दावा किया कि तेजस्वी आज भी बिहार के सबसे लोकप्रिय नेता हैं और जल्द ही जनता के हक की लड़ाई लड़ने वापस आएंगे।
'वोट चोरी' और मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप
इसराइल मंसूरी और मुकेश सहनी दोनों ने ही चुनाव परिणामों की शुचिता पर सवाल उठाए हैं। मंसूरी का आरोप है कि इस बार का जनादेश 'चुराया' गया है और एनडीए सरकार ने सरकारी मशीनरी का जमकर दुरुपयोग किया है। उन्होंने इसे "दस हजारिया मैंडेट" करार देते हुए कहा कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर लोगों को प्रभावित किया गया। वहीं, मुकेश सहनी ने भी आरोप लगाया कि चुनाव के ऐन वक्त पर खातों में पैसे डालकर जनादेश को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश की गई है।
मांझी के बयान ने बढ़ाई लोकतंत्र पर चिंता
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के उस बयान ने विपक्ष को बड़ा मुद्दा दे दिया है जिसमें उन्होंने 2020 में डीएम (DM) को फोन कर जीत दर्ज कराने का जिक्र किया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि मांझी जी के बयान से साफ है कि देश में लोकतंत्र खत्म हो रहा है। सहनी के अनुसार, राहुल गांधी के साथ उनकी 'वोटर अधिकार यात्रा' इसी मकसद से थी कि जनता को वोट का सही अधिकार मिले। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसी तरह फोन कॉल और वोट चोरी से सत्ता हासिल करनी है, तो देश में चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं रह जाता।
नीतीश कुमार और भाजपा के बीच 'साजिश' का दावा
इसराइल मंसूरी ने नीतीश कुमार की 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ पर भी तंज कसा है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के पास बिहार में अपना कोई बड़ा नेता नहीं है, इसलिए वे मजबूरी में नीतीश कुमार के सहारे चल रहे हैं। मंसूरी का आरोप है कि भाजपा हर दिन नीतीश कुमार के खिलाफ नई साजिश रचती है ताकि उन्हें अयोग्य या बदनाम कर सत्ता पर पूरी तरह काबिज हुआ जा सके। उनके अनुसार, भाजपा पिछले 20 सालों से बिहार में दूसरों के कंधों का सहारा ले रही है।
जनता से लोकतंत्र बचाने की अपील
मुकेश सहनी ने अंत में बिहार और देश की जनता से आह्वान किया कि वे इस गंभीर स्थिति पर विचार करें। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने गरीबों को वोट की ताकत इसलिए दी थी ताकि वे 5 साल में काम न करने वाले नेताओं को बदल सकें, लेकिन अब यह अधिकार खतरे में है। सहनी ने संकल्प लिया कि वे आने वाले दिनों में लोकतंत्र और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई को और अधिक मजबूती से जारी रखेंगे।
Report - Dhiraj singh