Navratri 2025: नवरात्रि पूजा में देवी मां को कौन सा फूल चढ़ाने पर मिलेगा आर्शिवाद, जानें

Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि में देवी को अर्पित किए जाने वाले फूलों में पारिजात का विशेष महत्व है। यह पुष्प सौभाग्य, शांति और देवी की कृपा का प्रतीक माना जाता है, खासकर बंगाल की दुर्गा पूजा परंपरा में।

Navratri 2025
नवरात्रि पूजा में अर्पित किए जाने वाला फूल- फोटो : social media

Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा में भोग, मंत्र और पुष्प अर्पण का विशेष महत्व है। शास्त्रों में कुछ फूलों को देवी का प्रिय बताया गया है। इनमें सबसे पवित्र और दुर्लभ माने जाने वाले पुष्प का नाम है पारिजात। इसकी सुवास और आध्यात्मिकता इसे देवी की कृपा प्राप्त करने का विशेष माध्यम बनाती है।

कौन सा फूल बनाता है देवी को प्रसन्न?

हिंदू धर्म में फूल अर्पित करना पूजा का अनिवार्य हिस्सा है। हर फूल एक अलग प्रतीक और संदेश के साथ जुड़ा होता है। शास्त्रों के अनुसार सही पुष्प का चयन साधक के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि लाता है। पारिजात का पुष्प देवी दुर्गा के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और आशीर्वाद का प्रतीक है।

बंगाल की परंपरा और पारिजात

बंगाल की दुर्गा पूजा में पारिजात का विशेष महत्व है। यहां इसे मां दुर्गा के आगमन का संकेत माना जाता है। मंदिरों और पंडालों में पारिजात से सजावट की जाती है। परंपरा है कि ताजे और सुवासित पारिजात अर्पित करने से देवी की कृपा तुरंत घर-परिवार पर बरसती है। यह केवल सजावट नहीं बल्कि भक्त और देवी के बीच आध्यात्मिक जुड़ाव का प्रतीक है।

शास्त्रों में पारिजात का महत्व

प्राचीन ग्रंथों और पुराणों में पारिजात को देवी का प्रिय पुष्प बताया गया है। इसे शांति, सौभाग्य और शुद्धता का प्रतीक माना गया है। उल्लेख है कि पारिजात का फूल देवी के आगमन का संदेश देता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। नवरात्रि पूजा में इसे अर्पित करने से घर और मन दोनों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

घर में पारिजात रखने का तरीका

नवरात्रि पूजा में पारिजात को घर में रखने की परंपरा भी है। इसे हमेशा ताजे और साफ रूप में पूजा स्थान, मुख्य कक्ष या मंदिर में रखा जाता है। इसे अलमारी या शुभ स्थान पर भी सजाया जा सकता है। पारिजात घर में सौंदर्य, सुगंध और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और देवी की कृपा बनाए रखता है।

क्यों है पारिजात इतना प्रिय?

पारिजात की दिव्यता और कोमल खुशबू इसे अन्य फूलों से अलग बनाती है। भक्त इसे देखकर देवी से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं। बंगाल की मान्यता है कि पारिजात मां के आगमन और आशीर्वाद का प्रतीक है। नवरात्रि में पारिजात अर्पित करने से सौभाग्य, शांति और शक्ति प्राप्त होती है।