Dev Uthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी कब है, इस दिन योगनिद्रा से जागेंगे श्रीहरि विष्णु, शुरू होंगे सभी मांगलिक कार्य
Dev Uthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी का दिन समस्त जगत के पालनकर्ता श्रीहरि विष्णु को समर्पित है जब वे योगनिद्रा से जागकर पुनः सृष्टि के संचालन में प्रवृत्त होते हैं।
Dev Uthani Ekadashi 2025: चार महीने की योगनिद्रा के पश्चात भगवान श्रीहरि विष्णु 1 नवंबर को जागृत होंगे। इस वर्ष 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में गए थे और अब कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे प्रबोधिनी, देवोत्थान या देवउठनी एकादशी कहा जाता है, पर वे पुनः जागेंगे। यह पवित्र दिन भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना गया है, क्योंकि इसी के साथ सभी मांगलिक कार्यों की पुनः शुरुआत होती है।
इस दिन सायंकाल भगवान श्रीहरि को जगाने के लिए भक्तजन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। रंगोली, दीप, गन्ने, मौसमी फलों और सब्जियों से भगवान का आसन सजाया जाता है। पारंपरिक रूप से सूप से भगवान को ढंककर दीप प्रज्वलित किया जाता है, और भक्त “ऊठो देव, जागो देव” का मधुर गान करते हुए विष्णु जी को योगनिद्रा से जगाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भजन, वाद्य और आरती की ध्वनियों से भगवान श्रीहरि प्रसन्न होकर अपने भक्तों का कल्याण करते हैं।
काशी पंचांग में कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 31 अक्टूबर की रात्रि 4:02 बजे से होगा और इसका समापन 1 नवंबर की रात्रि 2:57 बजे तक रहेगा। उदयकालिक एकादशी 1 नवंबर को पड़ने के कारण इसी दिन व्रत और पूजन का श्रेष्ठ फल मिलेगा।
इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी प्रदोष काल में किया जाता है। तुलसी विवाह को देवउठनी एकादशी का अभिन्न अंग माना जाता है, जो भगवान विष्णु और तुलसी देवी के दिव्य मिलन का प्रतीक है।
पुराणों के अनुसार, एकादशी का व्रत मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है। यदि पूर्ण उपवास संभव न हो तो कम से कम चावल का त्याग अवश्य करना चाहिए। जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा और नियम से व्रत रखता है, वह पापों से मुक्त होकर ईश्वर की कृपा प्राप्त करता है।
देवउठनी एकादशी का यह दिन समस्त जगत के पालनकर्ता श्रीहरि विष्णु को समर्पित है जब वे योगनिद्रा से जागकर पुनः सृष्टि के संचालन में प्रवृत्त होते हैं। इस पावन अवसर पर हर घर में दीप जलाएं, भजन गाएं और भगवान के नाम का स्मरण करें क्योंकि यही दिन है जब भक्ति से ब्रह्म तक का द्वार खुलता है।