पटना के स्कूलों के लिए आखिरी मौका, 31 अगस्त तक हर हाल में करना होगा यह काम, लापरवाही बरती तो बड़ी कार्रवाई

पटना जिला प्रशासन ने स्कूलों में बच्चों के परिवहन सुरक्षा को सुनिश्चित करने को लेकर एक बड़ा फरमान जारी किया है.

 transportation safety of Patna school
transportation safety of Patna school - फोटो : news4nation

Bihar News: पटना जिले में स्कूली बच्चों की परिवहन सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतने वाले विद्यालयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पटना जिला परिवहन कार्यालय(डीटीओ) ने इसके पहले विद्यालयों को आखिरी मौका दिया है। डीटीओ ने विगत जुलाई माह में दो हजार से अधिक क्षमता वाले 1,140 विद्यालयों को बाल परिवहन समिति का गठन करने और वाहन संबंधी जानकारी साझा करने के संबंध में ई-मेल भेजा था। लेकिन, सिर्फ 85 विद्यालयों ने ही इसका जवाब भेजा है। शेष विद्यालयों की अनदेखी के बाद अब डीटीओ ने 1 सितम्बर से कार्रवाई शुरू करने का फैसला लिया है। 


पटना डीटीओ ने स्कूलों से वाहनों की संख्या (बस, मिनी बस, ओमिनी वैन, वैन इत्यादि), मालिक का नाम, कॉन्ट्रैक्ट की जानकारी और वाहन पंजीकरण नंबर मांगा था। इसके साथ ही दो हजार से अधिक संख्या वाले विद्यालयों में बाल परिवहन समिति के तहत एक परिवहन प्रभारी की नियुक्ति करने का निर्देश दिया गया था। यह कदम ‘विद्यालय वाहन परिचालन विनियम 2020’ के तहत उठाया गया है।


बाल परिवहन समिति का गठन 

बाल परिवहन समिति के अध्यक्ष स्कूल के प्रधानाघ्यापक होंगे। समिति में दो अभिभावक, शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधि, यातायात पुलिस निरीक्षक, मोटरयान निरीक्षक, शिक्षा विभाग के एक प्रतिनिधि और स्कूल बस मालिकों के एक प्रतिनिधि शामिल को भी रखना अनिवार्य होगा। स्कूल के परिवहन प्रभारी समिति के सदस्य सचिव होंगे। समिति का काम स्कूली वाहनों की मानक परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करना होगा, जिसके लिए हर तीन महीने में एक बैठक आयोजित होगी।


पटना डीटीओ ने दिया आखिरी मौका

पटना डीटीओ उपेन्द्र कुमार पाल ने विद्यालयों को कहा कि जिन स्कूलों ने गलत ई-मेल आईडी साझा किया है, वह तुरंत सुधारे करें। जानकारी साझा ना करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। स्कूली बच्चों की परिवहन सुरक्षा को गंभीरता से लें।


स्कूली वाहनों के लिए मानक

सरकार की ओर से स्कूल बस या अन्य स्कूली वाहनों के लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं।

•वाहन स्कूल प्रबंधन, प्रधानाचार्य, निदेशक या अन्य पदाधिकारी के नाम पर पंजीकृत होना चाहिए। 

•वाहन की बॉडी सुनहरे पीले रंग की हो, जिसपर स्कूल का नाम स्पष्ट अक्षरों में लिखा हो। 

•किराए या लीज वाले वाहनों पर ‘ऑन स्कूल ड्यूटी‘ लिखना अनिवार्य। 

•वाहन की अधिकतम गति सीमा 40 कि.मी. प्रति घंटा। 

•वाहन में एक प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, अग्निशामक यंत्र, जीपीए., व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य होगा। 

•वाहन में स्कलू बैग रखने की उचित व्यवस्था।

•दिव्यांग बच्चों लिए विशेष सुविधाएं। 

•स्कूली बस में दो आपातकालीन गेट (एक दाहिनी ओर और दूसरा बस के पीछे) और बस की खिड़कियां ग्रिल युक्त होनी चाहिए।