Bihar Teacher News:बिहार में उन BPSC शिक्षकों की नौकरी पर कार्रवाई की जाएगी, जिनके प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाएंगे।बिहार में शिक्षक की नौकरी कर रहे 16 शिक्षकों पर कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है, जिन्होंने सीटीईटी परीक्षा में 60 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त किए हैं। एक मामले के बाद, जो हाईकोर्ट में दायर किया गया था, विभाग इस विषय पर सतर्क हो गया है। इन शिक्षकों की पहचान की गई है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके साथ ही, इन शिक्षकों को मूल सीटीईटी प्रमाण पत्र और आरक्षण से संबंधित मूल प्रमाण पत्र के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। डीईओ कुंदन कुमार ने बताया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित सीटीईटी परीक्षा में उत्तीर्णता का न्यूनतम प्रतिशत 60 है।
यह मामला राज्य सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा उठाया गया है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सरकारी स्कूलों में नियुक्त सभी शिक्षक योग्य और वैध प्रमाणपत्र वाले हों। बिहार सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी शिक्षक के दस्तावेज़ या सर्टिफिकेट जांच के दौरान फर्जी पाए जाते हैं, तो उनकी नौकरी तुरंत समाप्त कर दी जाएगी और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों के शैक्षणिक और व्यावसायिक प्रमाणपत्रों की जांच शुरू कर दी है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए है कि केवल योग्य उम्मीदवार ही सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।
इन शिक्षकों से पूछा गया स्पष्टीकरण
बीरबल-प्रोमवि गढ़ी मोहनपुर शंभुगंज
प्रशांत कुमार मंडल-प्रोमवि कामतपुर
शंभुगंज रितुल यादव-उत्क्रमित उच्च विद्यालय फट्टापाथर
कटोरिया योगिनी साह-उत्क्रमित उच्च विद्यालय मोचनमा कटोरिया
लवकुश कुमार-प्रोमवि मालाडीह कटोरिया
आकांक्षा सिंह-प्रोमवि नवाडीह चांदन
गुलशन आरा-प्रोमवि डुब्बा
चांदन दीपज्योति-प्रोमवि पेलवा चांदन
बिंदु कुमारी-प्रोमवि नारायणडीह चांदन
मु. शाहनवाज खान-प्रावि उर्दू चांदन
मीना यादव-मवि बल्लीकित्ता अमरपुर
रागिनी गुप्ता- मवि अठमाहा
चंद्रकांत यादव- प्रोमवि सुकिया बौंसी
रेखा कुमारी-प्रोवमि घटियारा फुल्लीडुमर
कुमारी कमला-प्रोमवि चौडांड, फुल्लीडुमर
साजिद अली अंसारी-प्रोमवि कटहरा फुल्लीडुमर
यदि किसी शिक्षक का सर्टिफिकेट फर्जी पाया जाता है, तो उनकी नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी। इसके साथ ही संबंधित व्यक्ति पर धोखाधड़ी और अन्य कानूनी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।बिहार सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो सके।इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना है। योग्य शिक्षकों की नियुक्ति से छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलेगी।