बिहार के शिक्षकों को फोन-व्हाट्सएप से नहीं मिलेगी छुट्टी, शिक्षा विभाग ने जारी किया नया छुट्टी का नियम, जान लीजिए

Bihar Teacher News: बिहार के विद्यालयी गलियारों में बरसों से चल रही फोन कॉल और व्हाट्सएप संदेशों के सहारे मिलने वाली छुट्टियों की रवायत पर अब सख़्त क़ानूनी पहरा बैठा दिया गया है।

Bihar Teachers Can Not Take Leave via Phone or WhatsApp New
बिहार के शिक्षकों को फोन-व्हाट्सएप से नहीं मिलेगी छुट्टी- फोटो : X

Bihar Teacher News: बिहार के विद्यालयी गलियारों में बरसों से चल रही फोन कॉल और व्हाट्सएप संदेशों के सहारे मिलने वाली छुट्टियों के नियम पर अब सख़्त क़ानूनी पहरा बैठा दिया गया है। निरीक्षण के दौरान सामने आई अजब-गजब धांधली, अदृश्य सिफ़ारिशों और सेटिंग-गेटिंग की परतें खुलने के बाद अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंदर के स्पष्ट आदेश पर शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अख़्तियार कर लिया है। 

विभागीय फरमान के तहत सभी सरकारी शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए “बिहार टीचर्स लीव न्यू रूल्स” का शत-प्रतिशत अनुपालन अनिवार्य कर दिया गया है। अब बिना पूरी प्रक्रिया, बिना लिखित अर्जी और बिना पूर्व स्वीकृति छुट्टी महज़ एक ख़्वाब होगी। यह आदेश प्राथमिक, मध्य और उच्च माध्यमिकतीनों स्तर के विद्यालयों पर समान रूप से लागू होगा। 

नए नियमों के मुताबिक प्राथमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षक एक दिन में सिर्फ़ एक शिक्षक को ही अवकाश दे सकेंगे, जबकि मध्य और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक अधिकतम दस फ़ीसदी शिक्षक-शिक्षिकाओं को ही छुट्टी की मंज़ूरी दे पाएंगे। इससे अधिक अवकाश की ज़रूरत पड़ने पर नियंत्री पदाधिकारी की इजाज़त लेना लाज़िमी होगा, अन्यथा कार्रवाई तय मानी जाएगी। डीपीओ प्राथमिक एवं समग्र शिक्षा अभियान की डीपीओ गार्गी कुमारी ने साफ़ किया है कि बिहार शिक्षक छुट्टी अधिनियम 2025 के विहित प्रावधानों का पालन अब महज़ काग़ज़ी औपचारिकता नहीं, बल्कि ज़मीनी सच्चाई बनेगा। सामान्य परिस्थितियों में बिना पूर्व स्वीकृति छुट्टी लेना पूरी तरह हराम कर दिया गया है। हां, आकस्मिक हालात में मोबाइल या व्हाट्सएप से सूचना देकर छुट्टी ली जा सकती है, लेकिन औपचारिक आवेदन एक दिन पहले देना अनिवार्य होगा। 

अधिनियम के तहत साल भर में अधिकतम 16 दिन का ही आकस्मिक अवकाश मिलेगा, जबकि बीच सत्र में नियुक्त शिक्षक को प्रति माह 1.33 दिन के हिसाब से छुट्टी दी जाएगी। विशेष आकस्मिक अवकाश महीने में केवल एक बार और अधिकतम दो लगातार दिनों के लिए होगा, जिसे अन्य अवकाशों से जोड़कर भी सीमा तय कर दी गई है। स्थानीय निकाय के शिक्षकों के लिए भी संयुक्त अवकाश की अधिकतम अवधि निर्धारित कर दी गई है। प्रभाव, पहुंच और मनमानी के सहारे छुट्टियों को जोड़-तोड़ कर लेने का खेल अब इतिहास बनने जा रहा है। प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक को छुट्टी रजिस्टर में हर शिक्षक का अलग-अलग हिसाब रखना होगा, ताकि शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन की वह स्याही गाढ़ी हो सके, जो लंबे समय से फीकी पड़ती जा रही थी।