Bihar School News: मिड डे मील में अंडा बना आग का गोला, बढ़ी कीमतों ने संचालकों की तोड़ी कमर, 5 रुपये में 8 रुपये का अंडा परोसना पड़ रहा है भारी

Bihar School News: बिहार के सरकारी स्कूलों में चल रही केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी मिड डे मील योजना इन दिनों अंडे की बढ़ती कीमतों के कारण संकट में घिरती नजर आ रही है।

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मिड डे मील में अंडा बना आग का गोला- फोटो : reporter

Bihar School News: बिहार के सरकारी स्कूलों में चल रही केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी मिड डे मील योजना इन दिनों अंडे की बढ़ती कीमतों के कारण संकट में घिरती नजर आ रही है। ठंड के मौसम में बाजार में अंडे के दाम आसमान छू रहे हैं, जबकि सरकार मिड डे मील संचालकों को आज भी अंडे की कीमत महज 5 रुपये प्रति पीस की दर से ही भुगतान कर रही है। बाजार में यही अंडा 7 से 8 रुपये तक बिक रहा है। ऐसे में स्कूलों में बच्चों को अंडा परोसना अब संचालकों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं रह गया है।

बता दें कि बिहार के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के तहत प्रत्येक शुक्रवार को बच्चों को अंडा दिया जाता है। यह योजना बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। लेकिन मौजूदा हालात में यह योजना मिड डे मील संचालकों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है। संचालकों का कहना है कि हर अंडे पर उन्हें सीधे 2 से 3 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

अगर बात वैशाली जिले की करें, तो यहां चार सप्ताह में करीब 10 लाख अंडे बच्चों को मिड डे मील के साथ परोसे जाते हैं। इस हिसाब से महीने भर में मिड डे मील संचालकों को लाखों रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ रहा है। जिले के कई संचालकों का कहना है कि वे अब इस नुकसान को सहने की स्थिति में नहीं हैं। पहले से ही समय पर भुगतान नहीं होने की समस्या झेल रहे संचालकों पर अब बढ़ी हुई अंडे की कीमतों ने कमर तोड़ दबाव बना दिया है।

मिड डे मील संचालकों का साफ कहना है कि सरकार को अंडे की कीमत का तत्काल पुनर्निर्धारण करना चाहिए। उनका कहना है कि जब बाजार में अंडा 8 रुपये तक बिक रहा है, तो 5 रुपये में उसकी आपूर्ति करना न तो व्यावहारिक है और न ही संभव। यदि यही स्थिति बनी रही, तो स्कूलों में अंडा परोसने में गंभीर कठिनाइयां सामने आ सकती हैं।

संचालकों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर सरकार ने अंडे की कीमत में बढ़ोतरी नहीं की, तो मिड डे मील में अंडा देना मुश्किल हो जाएगा। इसका सीधा असर लाखों स्कूली बच्चों पर पड़ेगा, जिन्हें पोषण के लिए अंडे पर निर्भर रहना पड़ता है।

अब बड़ा सवाल यह है कि सरकार इस गंभीर समस्या पर कब संज्ञान लेती है। यदि समय रहते अंडे की कीमत का पुनर्निर्धारण नहीं हुआ, तो मिड डे मील योजना का यह अहम हिस्सा पटरी से उतर सकता है और इसका खामियाजा सीधे बच्चों को भुगतना पड़ेगा।

रिपोर्ट- ऋषभ कुमार