Bihar School: स्कूल या मौत का कुआं? सरकारी स्कूल के दो कमरे अचानक हिलने लगे, छात्रों में मची चीख-पुकार, जान बचाकर भागे टीचर

Bihar School: एक सरकारी स्कूल में सुनियोजित लापरवाही और निर्माण घोटाले की पोल उस वक्त खुल गई, जब उत्क्रमित मध्य विद्यालय, अहिरांव के दो मंज़िला भवन के दो कमरे अचानक हिलने लगे।

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स्कूल या मौत का कुआं?- फोटो : Meta

Bihar School: बिहार के कैमूर जिले में एक सरकारी स्कूल में सुनियोजित लापरवाही और निर्माण घोटाले की पोल उस वक्त खुल गई, जब उत्क्रमित मध्य विद्यालय, अहिरांव के दो मंज़िला भवन के दो कमरे अचानक हिलने लगे। यह घटना सोमवार को सामने आई और जैसे ही स्कूल खुला, छात्रों और शिक्षकों के बीच दहशत का माहौल बन गया।

सुबह की पाली में जब छात्र विद्यालय पहुंचे, तो शिक्षक खुद भौंचक्के रह गए, क्योंकि उत्तर-पूर्व कोने के ऊपर और नीचे के कमरे अपनी नींव से हिलते नजर आए। कुछ ही पलों में स्कूल परिसर अफरा-तफरी से भर गया। शिक्षकों ने छात्रों को भवन में प्रवेश से रोका और खुद भी बाहर निकलकर जान बचाई। स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जमा हो गई और इस भयानक स्थिति की सूचना प्रशासन को दी गई।

सूचना पाते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी दृष्टि पाठक मौके पर पहुँचीं और भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने साफ निर्देश दिया कि बच्चों की जान जोखिम में नहीं डाली जाएगी। जब तक विशेषज्ञ जांच पूरी नहीं करते, तब तक बच्चों को पुराने भवन में ही पढ़ाया जाएगा। बीडीओ ने विभागीय अभियंता को तत्काल जांच का आदेश दिया है।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक आलोक पांडेय ने बताया कि यह घटना कोई एक दिन की नहीं, बल्कि पिछले तीन-चार दिन से ग्रामीण इस कम्पन को महसूस कर रहे थे। लेकिन विभाग या प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। अब सवाल उठता है कि क्या इस भवन का निर्माण भी सरकारी भ्रष्टाचार और ठेकेदारों की मिलीभगत का नतीजा है?

बिना जांच के दो मंज़िला सरकारी भवन का हिलना न सिर्फ निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है, बल्कि यह दर्शाता है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की जान किस कदर खतरे में है। यह घटना कैमूर के शिक्षा विभाग की सुनियोजित लापरवाही और भ्रष्ट तंत्र की एक और शर्मनाक मिसाल बन चुकी है।जांच का इंतजार है, लेकिन डर अब भी ज़िंदा है।