School News: मुस्लिम शिक्षिका पर हिंदू छात्र की शिखा काटने और तिलक मिटाने का आरोप, स्कूल से TC तक कटी, मच गया है बवाल
School News: आरोप है कि स्कूल की एक महिला मुस्लिम शिक्षिका, जिनका नाम फरहाना खातून बताया जा रहा है, ने देवांश को अपने ऑफिस में बुलाया। वहां न सिर्फ उसका तिलक मिटा दिया, बल्कि उसकी चोटी का कुछ हिस्सा भी कैंची से काट डाला।

School News: एक जूनियर हाई स्कूल ऐसा विवाद सुर्खियों में आ गया है, जिसने न सिर्फ स्थानीय लोगों को हिलाकर रख दिया, बल्कि पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। आरोप है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जागाहेडी गांव में एक जूनियर हाई स्कूल की एक महिला मुस्लिम शिक्षिका ने छठी कक्षा के हिंदू छात्र देवांश की चोटी (शिखा) काट दी और उसके माथे का तिलक मिटा दिया। इतना ही नहीं, जब छात्र की बहनों ने स्कूल में इसका विरोध किया, तो शिक्षिका ने उनके साथ बदसलूकी की और छात्र की टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) काटकर उसे स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। ये मामला अब पुलिस और शिक्षा विभाग की जांच के दायरे में है, लेकिन सवाल ये है—क्या ये सिर्फ एक स्कूल का विवाद है, या इसके पीछे कुछ और कहानी छिपी है?
क्या है पूरा मामला?
जागाहेडी गांव के खेड़ी दुधाधारी का रहने वाला देवांश, जो इस साल ही जागाहेडी के जूनियर हाई स्कूल में छठी कक्षा में दाखिल हुआ, उसने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसकी चोटी और तिलक स्कूल में इतना बड़ा बवाल खड़ा कर देंगे। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले जब देवांश तिलक लगाकर और चोटी बांधकर स्कूल पहुंचा, तो स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने उसे तिलक मिटाने और चोटी कटवाने का फरमान सुना दिया। लेकिन देवांश ने इस आदेश को ठेंगा दिखाया और बुधवार को फिर वही तिलक और चोटी के साथ स्कूल पहुंच गया। बस, यहीं से शुरू हुआ असली तमाशा!
आरोप है कि स्कूल की एक महिला मुस्लिम शिक्षिका, जिनका नाम फरहाना खातून बताया जा रहा है, ने देवांश को अपने ऑफिस में बुलाया। वहां न सिर्फ उसका तिलक मिटा दिया, बल्कि उसकी चोटी का कुछ हिस्सा भी कैंची से काट डाला। देवांश, जो अभी नन्हा-सा बच्चा है, डर के मारे चुप रहा और घर जाकर अपनी बड़ी बहनों—आरती और ज्योति—को सारी बात बताई। अब बहनों का खून तो खौलना ही था!
बहनों का स्कूल पर धावा, टीचर की बदसलूकी
शुक्रवार को आरती और ज्योति, अपने छोटे भाई के साथ स्कूल पहुंचीं और शिक्षिका से इस हरकत का कारण पूछा। लेकिन जवाब में शिक्षिका ने न सिर्फ अपनी गलती मानने से इंकार किया, बल्कि कथित तौर पर बहनों के साथ बदसलूकी भी की। इतना ही नहीं, शिक्षिका ने उल्टा देवांश की टीसी काटकर उसे स्कूल से निकाल दिया। ये तो वही बात हुई कि "न खुद खाऊं, न तुझे खाने दूं!" गुस्से से तिलमिलाई बहनें और स्थानीय हिंदू संगठन के कार्यकर्ता सागर कश्यप शनिवार देर शाम थाने पहुंचे। ज्योति ने थाने में लिखित तहरीर दी, जिसमें शिक्षिका पर चोटी काटने, तिलक मिटाने, और बदसलूकी के साथ-साथ टीसी काटने का भी आरोप लगाया गया।
पुलिस और शिक्षा विभाग की एंट्री
मामला तूल पकड़ता देख तितावी थाना पुलिस हरकत में आई और जांच शुरू कर दी। दूसरी ओर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) संदीप कुमार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया और बघरा खंड शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) को जांच का जिम्मा सौंप दिया। बीएसए संदीप कुमार ने कहा कि जांच के बाद ही सही तथ्य सामने आएंगे और उसी आधार पर कार्रवाई होगी। लेकिन शिक्षिका फरहाना खातून ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि वे कई सालों से स्कूल में पढ़ा रही हैं और उनकी शिक्षण शैली पर कभी सवाल नहीं उठा। उन्होंने दावा किया कि ये आरोप बेबुनियाद हैं।
सोशल मीडिया पर बवाल, सांप्रदायिक रंग
जैसे ही ये खबर सोशल मीडिया पर फैली, कुछ यूजर्स ने इसे "हिंदू संस्कृति पर हमला" करार दिया, तो कुछ ने शिक्षिका को निशाने पर लिया। एक एक्स पोस्ट में दावा किया गया कि "सपा सांसद के गांव में मुस्लिम टीचर ने हिंदू छात्र की चोटी काटी," जिसने विवाद को और हवा दी। हालांकि, ये दावे कितने सही हैं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। लेकिन इतना तय है कि ये मामला अब सिर्फ स्कूल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।
क्या कहते हैं परिजन?
देवांश के परिजनों का कहना है कि उनका बेटा रोजाना तिलक लगाकर और पूजा-पाठ करके स्कूल जाता है। उन्होंने शिक्षिका पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर देवांश की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। परिजनों का ये भी कहना है कि स्कूल में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, लेकिन इस बार हद हो गई। दूसरी ओर, शिक्षिका का दावा है कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है और ये आरोप झूठे हैं।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे विवाद
मुजफ्फरनगर में ये कोई पहला मामला नहीं है, जब स्कूल में धार्मिक प्रतीकों को लेकर विवाद हुआ हो। 2023 में भी मंसूरपुर के एक निजी स्कूल में एक शिक्षिका पर मुस्लिम छात्र की पिटाई और सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। उस मामले में भी खूब हंगामा हुआ था और पुलिस ने जांच की थी। इसके अलावा, 2022 में अलीगढ़ में एक मुस्लिम शिक्षिका द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी का तिलक लगाकर स्वागत करने पर बवाल मच गया था, जब कुछ शिक्षकों ने इसे "ईमान के खिलाफ" बताया था। फिलहाल, पुलिस और खंड शिक्षा अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। अगर जांच में शिक्षिका दोषी पाई गईं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।