Bihar Teacher News: शिक्षकों के हित में ACS सिद्धार्थ का बड़ा फैसला, गर्मी की छुट्टियों में मिला सुकून, अब नहीं करनी होगी ड्यूटी

Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए यह एक सुखद और सकारात्मक खबर है कि उन्हें ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान किसी प्रकार की ड्यूटी पर नहीं बुलाया जाएगा।

ACS S Siddharth
शिक्षकों की छुट्टियों में नहीं लगेगी ड्यूटी- फोटो : meta

Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए यह एक सुखद और सकारात्मक खबर है कि उन्हें ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान किसी प्रकार की ड्यूटी पर नहीं बुलाया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा जारी यह स्पष्ट निर्देश न केवल प्रशासनिक स्पष्टता लाता है, बल्कि यह शिक्षकों के कार्य–जीवन संतुलन को प्राथमिकता देने वाला एक मानवीय निर्णय भी है।

इस वर्ष 2 जून से 20 जून तक बिहार के लगभग 81 हजार सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया है। इस अवकाश के दौरान शिक्षकों को अपने परिवार के साथ समय बिताने और मानसिक रूप से तरोताज़ा होने का अवसर देने की मंशा से शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है। डॉ. सिद्धार्थ ने स्पष्ट कहा कि शिक्षकों को पर्यटन स्थलों की यात्रा जैसी गतिविधियों के माध्यम से अवकाश का पूरा लाभ उठाना चाहिए। यह विचार न केवल शिक्षकों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि विभाग अब शिक्षक कल्याण को प्राथमिकता पर रख रहा है।

प्रशासनिक पारदर्शिता और नीति की स्पष्टता

हाल ही में कुछ जिलों से यह शिकायतें सामने आई थीं कि ग्रीष्मावकाश के दौरान भी शिक्षकों को अनावश्यक रूप से स्कूलों में बुलाया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि में विभाग द्वारा जारी निर्देश न केवल स्थिति को स्पष्ट करता है, बल्कि इसके उल्लंघन पर कार्रवाई की चेतावनी भी एक सख्त और अनुशासित प्रशासन का संकेत देती है। यह पहल शिक्षकों में विश्वास बहाली की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा सकती है।

सीमित छूट और आवश्यक उपस्थिति

हालांकि, यह छूट केवल शिक्षकों को दी गई है। विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति ग्रीष्मावकाश के दौरान भी आवश्यक रहेगी। यह तर्कसंगत है, क्योंकि स्कूल संचालन और प्रशासनिक कार्यों की निरंतरता बनाए रखना जरूरी है। इस निर्णय से यह भी स्पष्ट होता है कि विभाग ने संतुलन बनाए रखते हुए मानव संसाधन का समुचित उपयोग करने की रणनीति अपनाई है।

छात्रों के लिए ‘गणितीय समर कैंप’

छुट्टियों के दौरान कक्षा 5वीं और 6वीं के लगभग 12 लाख छात्रों के लिए ‘गणितीय समर कैंप’ का आयोजन भी एक सराहनीय प्रयास है। यह कैंप स्वयंसेवी संस्था 'प्रथम' के सहयोग से संचालित हो रहा है, जिसका उद्देश्य बच्चों की गणितीय दक्षता को बढ़ाना है। विशेष रूप से गर्मी की छुट्टियों में भी शिक्षा की निरंतरता बनाए रखने की यह पहल बच्चों के अकादमिक विकास के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

शिक्षकों की प्रतिक्रिया और नीति की स्वीकृति

शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे शिक्षण पेशे को सम्मान देने वाला कदम बताया है। यह नीति न केवल शिक्षक-प्रशासन संबंधों को सुदृढ़ करेगी, बल्कि इससे शिक्षकों में कार्य के प्रति प्रतिबद्धता और प्रेरणा भी बढ़ेगी। लंबे समय से शिक्षकों की यह मांग रही है कि उन्हें उनके अवकाश का पूर्ण लाभ मिले—इस निर्णय के माध्यम से सरकार ने एक सकारात्मक संकेत दिया है कि अब शिक्षकों की आवाज़ों को भी महत्व दिया जा रहा है।

शिक्षा विभाग का यह निर्णय केवल एक प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि शिक्षक कल्याण, कार्य-संतुलन और शैक्षणिक गुणवत्ता के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ऐसे निर्णयों से शिक्षा व्यवस्था में न केवल अनुशासन और पारदर्शिता आती है, बल्कि यह उन लोगों को भी प्रेरित करता है जो भविष्य में शिक्षण सेवा में आने की आकांक्षा रखते हैं।