Teacher Recruitment scam: शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, टीचर को दो साल की सश्रम कारावास, 40 हजार जुर्माना भी

Teacher Recruitment scam: बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए बांका जिले के एक प्राथमिक विद्यालय के पूर्व शिक्षक को दोषी करार दिया है। ....

Teacher Recruitment scam
शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला- फोटो : social Media

Teacher Recruitment scam: बिहार के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। बांका जिले के एक प्राथमिक विद्यालय के पूर्व शिक्षक मंडेश्वर भगत को गुरुवार को दोषी ठहराते हुए दो वर्ष के सश्रम कारावास और चालीस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।

विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि यदि दोषी जुर्माने की राशि अदा करने में विफल रहता है, तो उसे अतिरिक्त छह माह का कारावास भुगतना होगा। अदालत ने मंडेश्वर भगत को भारतीय दंड संहिता  और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दोषी पाया।

क्या था यह मामला?

यह प्रकरण वर्ष 1990 से 1995 के मध्य का है, जब भागलपुर जिले के विभिन्न विद्यालयों में जाली दस्तावेजों के आधार पर बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्तियाँ की गईं। आरोप था कि मंडेश्वर भगत ने अन्य सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर अपने संबंधियों को भी फर्जी कागजात के आधार पर शिक्षक के पद पर नियुक्त करवाया था।

इस व्यापक घोटाले का खुलासा होने के उपरांत, पटना उच्च न्यायालय ने वर्ष 2005 में इसकी गहन जाँच का दायित्व सीबीआई को सौंपा। इसके परिणामस्वरूप, कई प्राथमिकियाँ दर्ज की गईं और विभिन्न अभियुक्तों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही प्रारंभ की गई, जो अब भी जारी है।

सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक सत्यजीत सिंह ने अदालत में पक्ष रखा, जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 31 लोगों की गवाही दर्ज की गई। अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर मंडेश्वर भगत को दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई।