Bihar UGC University Defaulters: बिहार के इन विश्वविद्यालयों को घोषित किया डिफॉल्टर! यूजीसी ने 18 राज्यों के 54 प्राइवेट विश्वविद्यालयों को जारी किया नोटिस, शैक्षणिक माफिया पर गिरी गाज

Bihar UGC University Defaulters: उच्च शिक्षा के मैदान में पारदर्शिता का नकाब ओढ़कर ‘काला कारोबार’ करने वाले प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ अब शिकंजे में हैं।

Bihar UGC University Defaulters
बिहार के इन विश्वविद्यालयों को घोषित किया डिफॉल्टर- फोटो : social Media

Bihar UGC University Defaulters: उच्च शिक्षा के मैदान में पारदर्शिता का नकाब ओढ़कर ‘काला कारोबार’ करने वाले प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ अब शिकंजे में हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 18 राज्यों में फैली 54 यूनिवर्सिटीज़ पर शिकंजा कसते हुए नोटिस ठोक दिया है। इल्ज़ाम है कि इन यूनिवर्सिटीज़ ने जून 2024 से लागू सेल्फ पब्लिक डिस्क्लोज़र नियमों की धज्जियाँ उड़ाई हैं। मतलब, न तो अपनी ‘फाइलें’ आयोग को सौंपीं और न ही अपनी वेबसाइट पर कोर्स, फैकल्टी, रिसर्च, स्टूडेंट्स की तादाद और फाइनेंशियल डिटेल्स जैसी अहम मालूमात डालने की ज़हमत उठाई।

यूजीसी के मुताबिक, यह सीधा-सीधा ‘क़ानून का उल्लंघन’ है और धारा 13 के तहत इनका गुनाह साबित होता है। आयोग का साफ़ कहना है कि यह जानकारी वेबसाइट के होमपेज से सीधे मिलनी चाहिए, बिना किसी लॉगिन या पासवर्ड के। लेकिन कई यूनिवर्सिटी ने या तो दस्तावेज़ छिपा दिए या फिर पूरी तरह ग़ायब रखे। यह खेल यूजीसी की नज़रों से बच न सका और अब सख़्त कार्रवाई की तलवार इनके सिर पर लटक रही है।

सूत्र बताते हैं कि यह सिर्फ़ ‘औपचारिक ग़लती’ नहीं बल्कि एक ‘बड़े खेल’ की तरफ़ इशारा करता है। शैक्षणिक माफ़िया सालों से शिक्षा को बिज़नेस बनाकर ‘फीस वसूली गैंग’ चला रहे हैं। बिना हिसाब-किताब के करोड़ों रुपये की हेराफेरी और धांधली की आशंका जताई जा रही है। यूजीसी ने साफ़ चेतावनी दी है—अगर गैर-अनुपालन जारी रहा, तो नियामकीय जांच, पाबंदी और यहां तक कि मान्यता रद्द तक की कार्रवाई होगी।

कुछ यूनिवर्सिटी अब ‘सफाई पेश’ कर रही हैं। जैसे सिक्किम अल्पाइन यूनिवर्सिटी का दावा है कि उसने सभी डिटेल्स अपलोड कर दी हैं और डिफॉल्टर लिस्ट से हटाने की गुहार लगाई है। लेकिन यूजीसी ने साफ़ कहा है—सिर्फ़ वेबसाइट पर अपलोड करना काफ़ी नहीं, आयोग को भी रिपोर्ट देना अनिवार्य है।

बिहार के एमिटी विश्वविद्यालय, रूपास्पूर, बेली रोड, पटना- 801503, डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय, ब्लॉक- भगवानपुर, NH-77, (पटना- मुजफ्फरपुर हाईवे), जिला- वैशाली, संदीप विश्वविद्यालय , ग्राम - सिजौल, जिला - मधुबनी - 847235, बिहार को नोटिस जारी किया गया है।

गुजरात की स्वर्णिम यूनिवर्सिटी से लेकर यूपी की अमिटी और शारदा यूनिवर्सिटी, हरियाणा की ओ.पी. जिंदल से लेकर पंजाब की LPU और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी तक नामी-गिरामी संस्थान इस लिस्ट में शामिल हैं। राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, बंगाल, झारखंड और मध्य प्रदेश तक यह ‘शैक्षणिक खेल’ फैला हुआ है।

अब सवाल यह है क्या यूजीसी इन पर वाक़ई शिकंजा कसेगा या यह नोटिस भी महज़ औपचारिक कार्रवाई बनकर रह जाएगा? फिलहाल, शिक्षा के नाम पर चल रहे इस ‘अकादमिक धंधे’ का पर्दाफाश हो चुका है और यूनिवर्सिटीज़ के लिए यह नोटिस किसी चार्जशीट से कम नहीं।