Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में हेलीकॉप्टर पर खर्च हुए 72 करोड़ रुपए, 3 हजार घंटे तक उड़ते रहे नेता, हर दिन इतनी उड़ानें

Bihar Election 2025: बिहार में अब चुनाव शोर थम गया है, सभी 14 नवंबर का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव प्रचार में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। चुनाव प्रचार में केवल हेलीकॉप्टर पर 72 करोड़ से अधिक खर्च किए गए हैं....

हेलीकॉप्टर
हेलीकॉप्टर पर 72 करोड़ खर्च- फोटो : social media

Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव का शोर अब पूरी तरह समाप्त हो चुका है। दोनों चरणों का मतदान खत्म हो चुका है। सबकी निगाहें अब 14 नवंबर पर है। 14 नवंबर को फाइनल हो जाएगा कि बिहार में किसकी सरकार बनती है। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा 6 अक्तूबर को हुई थी। 6 नवंबर को पहले चरण और 11 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान हुआ। दोनों चरणों का मतदान पूरा हो चुका है। चुनाव प्रचार का शोर 9 नवंबर को थम गया था। चुनाव प्रचार के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को करीब 1 महीने का वक्त मिला। 

14 नवंबर को मतगणना 

1 महीने में एनडीए और महागठबंधन की ओर से जबरदस्त चुनाव प्रचार किया गया। राजनीतिक दलों के हेलीकॉप्टरों और चौपरों की उड़ानों से आसमान गूंजता रहा। अब आसमान में भी शांति है। सभी राजनेता 14 नवंबर का इंतजार कर रहे हैं। बिहार में राजनीतिक दलों ने हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार के लिए 72 करोड़ से अधिक रुपए खर्च किए।

हेलीकॉप्टरों पर 72 करोड़ रुपये से अधिक खर्च

रिपोर्ट के मुताबिक, इस चुनावी मौसम में राजनीतिक दलों ने हेलीकॉप्टर प्रचार पर 72 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। 16 अक्टूबर के बाद से पटना एयरपोर्ट पर उड़ानों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई। एनडीए, महागठबंधन और अन्य दलों ने सत्ता की जंग जीतने के लिए आसमान को भी रणक्षेत्र बना डाला।

प्रतिदिन औसतन 25 हेलीकॉप्टर उड़ान पर

आंकड़ों के अनुसार,पटना एयरपोर्ट से प्रतिदिन औसतन 25 हेलीकॉप्टर उड़ान भरते रहे। अब तक 600 से अधिक हेलीकॉप्टर और 40 चौपर उड़ चुके हैं। लैंडिंग और डिपार्चर मिलाकर 1,200 से अधिक हेलीकॉप्टर और 80 चौपर मूवमेंट दर्ज किए गए। 

प्रति हेलीकॉप्टर रोजाना 12 लाख रुपये खर्च

प्रचार के दौरान एक हेलीकॉप्टर पर प्रतिदिन जीएसटी समेत लगभग 12 लाख रुपये खर्च हुए। प्रत्येक हेलीकॉप्टर ने रोजाना औसतन 4 से 5 घंटे की उड़ान भरी, यानी कुल मिलाकर 3,000 घंटे से अधिक की हवाई उड़ानें हुईं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार के चुनाव में हेलीकॉप्टर और चौपर प्रचार ने राजनीति को नया आयाम दिया है। हालांकि, नतीजे आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि इस भारी खर्च और हवाई प्रचार का वास्तविक फायदा किस दल को मिला।