Bihar Politics: बिहार कांग्रेस ने बीते दिन अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया। कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार हैं जो औरंगाबाद जिले की कुटुम्बा विधानसभा सीट से विधायक हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अखिलेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर राजेश वर्मा को नए प्रदेश अध्यक्ष के रुप में पदभार सौंपी है। वहीं कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर जदयू के वरिष्ठ मंत्री और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘मेहरबानी’ की याद दिलाते हुए दावा किया कि 2015 में राजेश कुमार को कुटुम्बा से कांग्रेस का टिकट दिलाने के लिए उन्हें नीतीश कुमार से खास अनुरोध करना पड़ा था।
"नीतीश कुमार की कृपा से बने विधायक"
बुधवार को पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान अशोक चौधरी ने खुलासा किया कि उस समय यह सीट जेडीयू के तत्कालीन विधायक ललन भुइयां के पास थी, लेकिन महागठबंधन के तहत इसे कांग्रेस के खाते में लाने के लिए उन्होंने नीतीश कुमार के पैर पकड़ लिए थे। अशोक चौधरी ने कहा, "राजेश कुमार भी नीतीश कुमार की कृपा से विधायक बने। वे हमारे महामंत्री थे और ललन भुइयां उस समय सीटिंग विधायक थे। राजेश ने आग्रह किया कि यदि इस बार टिकट नहीं मिला, तो फिर कभी नहीं मिलेगा। तब मैंने मुख्यमंत्री से गुजारिश कर यह सीट कांग्रेस ली और राजेश को चुनाव लड़वाया।"
अशोक चौधरी का कांग्रेस से जेडीयू तक का सफर
अशोक चौधरी 2013 से 2017 तक बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे। उनके कार्यकाल में कांग्रेस की विधानसभा सीटें 4 से बढ़कर 27 हो गई थीं। बाद में वे जेडीयू में शामिल हो गए और अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। उनकी बेटी शांभवी चौधरी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से सांसद हैं।
कांग्रेस की दलित वोटबैंक साधने की कोशिश
राजेश कुमार बिहार के औरंगाबाद जिले के ओबरा इलाके के रहने वाले हैं। उनके पिता दिलकेश्वर राम कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वे रविदास समुदाय से आते हैं, जिसकी बिहार की कुल दलित आबादी में 5.25% हिस्सेदारी है। कांग्रेस अब उनके जरिए इस समुदाय को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। राजेश कुमार 2005 में निर्दलीय चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए। 2010 में कांग्रेस से टिकट मिला, लेकिन जेडीयू के ललन भुइयां से हार गए। 2015 में जीतकर पहली बार विधायक बने और जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को हराया। 2020 में उन्होंने ‘हम’ के श्रवण भुइयां को हराया, जो बाद में झारखंड से शराब पीकर लौटते वक्त बिहार पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे।