Bihar Vidhansabha Chunav 2025: सांसद का विवादित बयान वायरल, मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए कहा- ‘विकास का लाभ लो और फिर मोदी को गाली मत दो’

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: सांसद का विवादित बयान वायरल, मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए कहा- ‘विकास का लाभ लो और फिर मोदी को गाली मत दो’

Bihar Vidhansabha Chunav 2025
सांसद का विवादित बयान वायरल- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के सांसद अशोक यादव का एक बयान सोशल मीडिया पर तहलका मचा रहा है। दरभंगा जिले के केवटी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की चुनावी रैली में दिए गए उनके कथन ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। वायरल वीडियो में सांसद यादव मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए विवादित टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं।

वीडियो में अशोक यादव कहते हैं: “मुस्लिम भाइयों, अगर मोदी से नफरत है तो कहो, ‘मैं मुफ्त का खाना नहीं खाऊंगा’, ‘सिलेंडर नहीं लूंगा’, ‘मोदी की बनाई सड़क पर नहीं चलूंगा’, ‘मोदी के पुल पर नहीं चलूंगा, मैं तैरकर नदी पार करूंगा’। आप सभी सुविधाओं का आनंद लेंगे और फिर मोदी और भाजपा को गाली देंगे। भारत की जनता और केवटी की जनता अब इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।”

बताया जा रहा है कि यह जनसभा भाजपा प्रत्याशी डॉ. मुरारी मोहन झा के नामांकन के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी। वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं। कई लोग इसे ध्रुवीकरण की राजनीति का उदाहरण बता रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थकों का कहना है कि सांसद केवल यह समझा रहे थे कि विकास योजनाओं का लाभ लेने वाले दोहरे मापदंड से बचें।न्यूज4नेशन वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

अशोक यादव ने मीडिया से बात करते हुए अपने बयान की पुष्टि की और कहा: “मैंने जो कहा वह सही है। पीएम मोदी ने देश के हर वर्ग को सुविधाएं प्रदान की हैं। विकास का लाभ उठाते हुए भी प्रधानमंत्री को गाली देने वालों को जनता जवाब देगी।”

विपक्षी दलों ने इस बयान को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और राजनीतिक बहस को और गर्म कर रहा है।

विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के बयान चुनावी माहौल को ध्रुवीकृत कर सकते हैं और विभिन्न समुदायों में मतदाताओं की सोच पर असर डाल सकते हैं। अब सियासी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या इसे चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के रूप में मानता है।

इस घटना ने एक बार फिर बिहार की सियासत में विकास बनाम वोट बैंक राजनीति की बहस को तेज कर दिया है। अशोक यादव के बयान ने चुनावी गलियारों में नया विवाद खड़ा कर दिया है, जो अगले कुछ दिनों तक सुर्खियों में बना रह सकता है।